यूँ खत्म हुआ मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी की टिप्पणी वाला विवाद

नई दिल्ली। गुजरात चुनाव के दौरान पाकिस्तान का नाम लेकर पीएम मोदी द्वारा की गयी टिप्पणी को लेकर संसद में पैदा हुआ गतिरोध आज समाप्त हो गया। इससे पहले क्रिसमस के अवकाश के बाद आज संसद की कार्रवाही शुरू हुई।
पीएम मोदी से माफ़ी की विपक्ष की मांग पर राज्य सभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई पेश की। अरुण जेटली ने अपने बयान में कहा, ‘पीएम मोदी ने अपने भाषण में पूर्व पीएम मनमोहन या पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की देशभक्ति और निष्ठा पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया और न ही उनकी ऐसी कोई मंशा थी. ऐसी कोई भी धारणा गलत है। हम इन नेताओं का सम्मान करते हैं, साथ ही देश के लिए उनकी प्रतिबद्धता को भी मानते हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान पर राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि ‘हम नेता सदन के बयान का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि हम खुद प्रधानमंत्री पद की गरिमा को नहीं गिराना चाहते हैं।’
आज़ाद ने कहा कि हम भी चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई किसी टिप्पणी और बयान का समर्थन नहीं करते हैं। प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान नहीं दिया जाना चाहिए।’
सदन में जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बयान दिया उस समय पीएम मोदी मौजूद नहीं थे लेकिन कांग्रेस बाद में इस बात पर सहमत हो गई थी कि पीएम की गैर मौजूदगी में बीजेपी से कोई नेता इस मसले पर जवाब दे।
क्या था मामला :
दरअसल गुजरात चुनाव के दौरान एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया था कि गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीमा पार से मदद से ले रहे हैं।
मणिशंकर अय्यर के नीच वाले बयान को पीएम मोदी ने पाकिस्तान से जोड़ते हुए कहा था कि अय्यर के घर पाकिस्तानी उच्यायुक्त और वहां के पूर्व विदेश मंत्री की गुप्त मीटिंग हुई। इस मीटिंग में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी शामिल हुए।
कांग्रेस पीएम मोदी की टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह की देशभक्ति और निष्ठां पर सवाल उठाये हैं। उन्हें पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह से इस मामले में माफ़ी मांगनी चाहिए अथवा सबूत देने चाहिए।
कांग्रेस ने अपनी मांग के शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार विरोध जारी रखा। जिसके चलते शीतकालीन सत्र के अहम दिन हंगामे कोई भेंट चढ़ गए।