मोदी सरकार को संसद में घेरने को विपक्ष ने कसी कमर, फिर बाहर आ सकता है राफेल का जिन्न

मोदी सरकार को संसद में घेरने को विपक्ष ने कसी कमर, फिर बाहर आ सकता है राफेल का जिन्न

नई दिल्ली। संसद में मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने कमर कसनी शुरू कर दी है। मंगलवार को विपक्षी दलों ने एक बैठक कर संसद में विपक्ष की भूमिका तय करने के लिए विचार विमर्श किया।

इस बैठक में यूपीए चेयर पर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीआई नेता डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, डीएमके नेता कनिमोझी, टीआर बालू, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले सहित विपक्ष के कई नेता और सांसद मौजूद थे।

इस बैठक में मानसून सत्र के दौरान मोदी सरकार की घेराबंदी करने के लिए रणनीति को अंतिम रुप दिया गया। मोदी सरकार द्वारा फिर से वित्त मंत्रालय के 15 सीनियर अफसरों को जबरन रिटायर करने, पीएम मोदी द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने पर चर्चा हुई।

इतना ही नहीं बैठक में मोदी सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में राफेल डील को लेकर की गयी पर्देदारी पर भी चर्चा हुई। सूत्रों की माने तो राफेल डील का जिन्न एक बार फिर बाहर आ सकता है। वहीँ पीएम मोदी की थ्योरी वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने असहमति जताई है।

सूत्रों ने कहा कि अधिकांश विपक्षी नेताओं का कहना था कि वन नेशन वन इलेक्शन की थ्योरी असंभव है और यह सिर्फ ध्यान बांटने का एक तरीका है। बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र से ही सरकार पर हावी रहने और मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में सामने आयी कमियों को पुरजोर तरीके से उठाने पर सहमति बनी।

सूत्रों ने कहा कि विपक्ष बढ़ती बेरोज़गारी, बिहार में दिमागी बुखार से बच्चो की ताबड़तोड़ मौत, महिला सुरक्षा आदि मुद्दों को लेकर सरकार पर हमले बोलने की तैयारी में है।

विपक्ष ने कल (बुधवार) को भी बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में तय होगा कि पीएम मोदी द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल भाग लेंगे अथवा नहीं।

भले ही मोदी सरकार के पास बहुमत से कहीं अधिक नंबर हैं लेकिन इसके बावजूद विपक्ष के तरकश में भी तीरो की कमी नहीं है। विपक्ष ने आज बैठक कर यह जता दिया है कि वह सरकार के खिलाफ नरम तेवर नहीं दिखायेगा।

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TeamDigital