मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष ने मिलाया हाथ
नई दिल्ली। आँध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर तेलगु देशम पार्टी ने आज एनडीए से अपना समर्थन वापस लेने की आधिकारिक तौर पर घोषणा की।
टीडीपी पोलित ब्यूरो ने आज सुबह पार्टी के प्रमुख व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ एक टेली कॉन्फ्रेंस के दौरान एनडीए से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।
लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए बिना ही सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिए जाने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पेश न हो पाने पर YSR कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी ने सोमवार को एकबार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया है।
टीडीपी और YSR कांग्रेस द्वारा लाये जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीएमसी, एनसीपी और सीपीएम जैसे बड़े दलों ने समर्थन देने का ऐलान किया है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शुरुआत से ही आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का समर्थन करते रहे हैं। हम चाहते हैं कि आंध्र के लोगों को न्याय मिले। जब अविश्वास प्रस्ताव पेश होता है, तब आप सरकार की असफलताओं पर बात करते हैं। हम तमाम लोगों से संपर्क साध रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘अविश्वास प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। इस प्रस्ताव के समर्थन 50 सांसद भी खड़े हुए लेकिन स्पीकर ने कहा कि सदन ऑर्डर में नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं क्या सरकार को डर है? उनके पास लोकसभा में बहुमत है।’
इस बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का ऐलान किया है।
सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘हम बीजेपी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। यह आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ विश्वासघात है।’ इस बीच बीजेपी ने टीडीपी की ओर से एनडीए से समर्थन वापस लेने और केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के ऐलान को बीजेपी ने आम चुनाव से पहले की रिहर्सल करार दिया है।
पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने कहा, ‘एनडीए छोड़ने के टीडीपी के फैसले का मैं स्वागत करता हूं। मौजूदा स्थिति की यह मांग है कि देश को आपदा से बचाने के लिए ऐसे ऐक्शन लिए जाएं। मैं सभी विपक्षी दलों से मांग करती हूं कि वे राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और उत्पीड़न के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ें।’