मोदी सरकार का अंतरिम बजट आज: इन घोषणाओं पर रहेगी नज़र

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने कार्यकाल का अंतरिम बजट अब से कुछ देर में संसद में पेश करेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि बजट में आने वाले चुनाव की तस्वीर साफतौर पर दिखाई दे सकती है और बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं भी हो सकती हैं।
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, ‘सुबह से ही सरकारी सूत्र मीडिया हाउसिज को बजट के प्लाइंटर्स भेज रहे हैं। यदि वह प्वाइंटर वित्तमंत्री के भाषण में होते हैं तो यह लीक माना जाएगा। यह गोपनीयता के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा होगा।’
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए वह बजट में लोकलुभावन योजनाओं को पेश करने की कोशिश करेंगे। अभी तक उन्होंने जो बजट पेश किया है उससे आम जनता को ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा है। आज केवल जुमले बाहर आएंगे। उनके पास केवल चार महीने हैं, वह योजनाओं तो कब लागू करेंगे।’
वहीँ बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मुलाकात की। अब वित्त मंत्री पीयूष गोयल संसद पहुँच चुके हैं और बजट से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी केबिनेट के मंत्री मौजूद हैं।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, ‘पिछले पांच बजट किसानों को समर्पित थे। सरकार का छठा बजट भी किसानों के लिए होगा, यह उन्हें सशक्त करेगा।’
माना जा रहा है कि किसानो को लेकर बजट में बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं। किसानो की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार कोई नई योजना का एलान कर सकती है। इतना ही नही खाद, रसायन,उर्वरको और बीज के दामों में कमी का एलान किया जा सकता है।
इसके अलावा कृषियंत्रों और पानी निकालने वाले छोटे इंजनों की कीमतों पर टेक्स इत्यादि में छूट का एलान भी सम्भव है। जानकारों की माने तो सरकार किसानो को राहत देने के लिए किसी विशेष पॅकेज का एलान भी कर सकती है।
वहीँ मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए सरकार आयकर सीमा का दायरा बढ़ा सकती है। वर्तमान में यह सीमा ढाई लाख रुपये तक की है। जानकारों के अनुसार सरकार मध्यमवर्ग को लुभाने के लिए आयकर की सीमा चार लाख तक भी कर सकती है जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये इसे पांच लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
माना जा रहा है कि किसानो, बेरोज़गारो और छोटे कारोबारियों की नाराज़गी पर सरकार का फोकस रहेगा। फ़िलहाल देखना है कि सरकार द्वारा पेश किये जाने वाले बजट में मध्यम वर्ग और किसानो को कितनी राहत मिलेगी।