मोदी की स्कीम ने कराई सरपंचों की फजीहत, 11 ने दी आत्महत्या की धमकी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांक्षी ‘स्वच्छ भारत योजना’ के तहत तय समय के भीतर शौचालय बनवाना सरपंचों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। सरपंचों पर इस बात का दबाव है कि वह तयशुदा समय में शौचालय का निर्माण करा दें।
छत्तीसगढ़ राज्य में कई गांवों के सरपंच इससे बेहद परेशान हैं कर्ज के जाल में फंस गए हैं। स्थिति इतनी बदतर है कि परेशान होकर राज्य के कांकेर जिले के 11 गांवों के सरपंचों ने खुदकुशी की धमकी तक दे डाली है। शौचालय निर्माण के बाद अब फंड से मिलने से सरपंच परेशान हैं।
अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सरपंचों ने शौचालय बनवाने के लिए कर्ज ले लिया। लेनदारों से वादा किया कि जैसे ही जिला प्रशासन की ओर से शौचालय निर्माण का फंड जारी होगा, भुगतान कर दिया जाएगा। इन गांवों को चार महीने पहले ही खुले में शौच से मुक्त ग्राम घोषित किया गया लेकिन इस उपलब्धि के बावजूद भी सरपंच घर से बाहर नहीं निकल पा रहे।
पिछले एक साल से 23 लाख का कर्ज
डोंगरकट्टा गांव के सरपंच महर सिंग उसेंडी ने बताया, ‘मेरे गांव को 7 अप्रैल को ही खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया था। प्रशासन ने गांव में 299 शौचालयों के निर्माण की मंजूरी दी थी। मुझे जनपद सीआई ने बताया था कि हर घर में एक शौचालय का होना अनिवार्य है।
मैंने पाया कि गांव में 49 घर ऐसे हैं, जहां शौचालय नहीं हैं। मुझसे कहा गया कि मैं उन्हें शौचालय बनवाने का सामान मुहैया करा दूं। मुझे आश्वासन दिया गया कि भुगतान बाद में कर दिया जाएगा। पिछले एक साल से मेरे सिर पर 23 लाख का कर्ज है।’