लिंचिंग की घटनाओं पर नाराज़ शिया धर्मगुरु ने की फांसी की सजा के प्रावधान की मांग
लखनऊ। देश के कई हिस्सों में अभी हाल ही में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने नाराज़गी जताई है। उन्होंने लिंचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों के लिए फांसी की सजा के प्रावधान की मांग की है।
मौलाना जव्वाद ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि मॉब लिंचिंग की यह घटनाएं एनकाउंटर का नया रूप है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार एनकाउंटर कराती थी और आज जनता को एनकाउंटर का अधिकार दे दिया गया है, यह दुखद है।
शिया धर्म गुरु ने कहा कि मॉब लिंचिंग की वारदात के मुजरिमों को एक-दो साल की कैद के बजाय फांसी की सज़ा होनी चहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सके।
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि मॉब लिंचिंग की ऐसी घटनाओं से सरकार की बदनामी हो रही है। अक्सर मामूली नेता किस्म के लोग इस तरह की वारदात के लिये जिम्मेदार होते हैं। उन पर कार्रवाई की जानी जरूरी है।
हाल ही में झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा पीट पीट कर जान लेने के मामले की निंदा करते हुए शिया धर्म गुरु ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
लिंचिंग की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग न दें: नकवी
वहीँ दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार डालने की घटनाओं को साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए या उसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
मुम्बई में हज हाउस में एक नवीनीकृत हॉल का उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में नकवी ने कहा कि भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार डालना एक आपराधिक विषय है। यह अत्यंत निंदनीय है और किसी को भी उसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’
नकवी ने कहा कि बहुसंख्यक हिंदू संप्रदाय के सौहार्द्र और सहिष्णुता की संस्कृति ने भारत के लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्षता के आधार का निर्माण किया और उसे मजबूती प्रदान की।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत विश्व का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है क्योंकि बंटवारे के बाद पाकिस्तान ने एक इस्लामी देश बनना चुना जबकि भारत में बहुसंख्यक हिंदू समुदाय ने धर्मनिरपेक्षता का रास्ता चुना।”
नकवी ने कहा कि भाषा, आस्था, भोजन और रहन सहन में विविधता के बावजूद भारत की संस्कृति एक मजबूत रिश्ते से एकजुट रही। आज भारत में अल्पसंख्यक धार्मिक और सामाजिक आजादी के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।