मुस्लिम सैन्यकर्मी की दूसरी पत्नी भी होगी पेंशन की हकदार

नई दिल्ली । आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल (एएफटी) की मुख्य बेंच ने कहा है कि मुस्लिम सैन्यकर्मी की दूसरी पत्नी भी पहली पत्नी की तरह ही हेल्थ स्कीम और फैमिली पेंशन की हकदार होगी। एएफटी का कहना है कि अगर कोई मुस्लिम सैन्यकर्मी पहली पत्नी से संबंध बरकरार रखते हुए दूसरी शादी करता हो तो दूसरी पत्नी भी एक्स सर्विसमैन की पत्नी को मिलनी वाली सुविधाओं का लाभ ले सकती है।

अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लेफ्टिनेंट कर्नल सरदार अहमद खान (रिटायर्ड) की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान एएफटी की नई दिल्ली बेंच ने कहा दूसरी पत्नी भी पहली पत्नी की तरह ही ऑफिसर पर आश्रित है, इसलिए उसे भी पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) के लिए नॉमिनेट किया जा सकता है।

याचिकाकर्ता लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट से रिटायर हुआ था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने पहली पत्नी से वैवाहिक संबंधों को बरकरार रखते हुए एक और शादी की। जब वह सर्विस में थे तो उन्होंने पहली पत्नी को ही पीपीओ के लिए नॉमिनेट किया था। मुस्लिम होने के चलते कानूनी तौर पर उन्होंने दूसरी शादी की। इस पर उन्होंने अपील कर रहा कि उनकी दूसरी पत्नी को भी पीपीओ के लिए नॉमिनेट किया जाए और हेल्थ और पेंशन संबंधी सुविधाओं का लाभ दिया जाए।

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