मुस्लिम महिलाओं और बच्चो को बांग्लादेश और म्यांमार का समझ जेल में डाला
गुवाहटी । असम में बांग्लादेश और म्यांमार का नागरिक होने के संदेह में लोगों को जेल में रखे जाने पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
आयोग की सदस्य फरीदा अब्दुल्ला खान ने हाल ही में असम का दौरा करने पर पाया कि बांग्लादेश या म्यांमार का नागरिक होने के संदेह में पकड़ी गई 97 महिलाओं और 13 बच्चों को नियमों की अनदेखी कर कोकराझाड़ जिला जेल में अपराधियों के साथ रखा गया है।
सामान्यतया ऐसे लोगों को डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) में रखा जाता है। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक कोकराझाड़ में ऐसी व्यवस्था नहीं है, इसलिए महिलाओं और बच्चों को अपराधियों के साथ जेल में ही रखा गया है।
खान का कहना है कि असम में बांग्लादेश या म्यांमार का नागरिक होने के संदेह में करीब 600 लोगों को पकड़ा गया है। इसमें बड़ी तादाद मुस्लिमों की है। उनके मुताबिक बहुत ही गरीब लोग इस अभियान के शिकार हुए हैं। उनके पास अपने बचाव का साधन भी उपलब्ध नहीं है।