मुस्लिम धर्म गुरुओं ने कहा ‘ज़ाकिर नाईक पर बेहद एहतियात से काम ले सरकार’
नई दिल्ली । मुस्लिम विद्वानों और धर्मगुरुओं ने राय जाहिर की है कि सरकार को धर्म प्रचारक जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई के मुद्दे पर बेहद सावधानी और एहतियात से कदम उठाने चाहिये।
देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थानों में शुमार नदवतुल उलमा के प्रवक्ता मौलाना सैयद हमजा नदवी ने कहा कि वैसे तो समाज को कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाली किसी भी चीज के खिलाफ एकजुट हो जाना चाहिये, लेकिन जिस तरह से जाकिर नाइक को किसी जांच का नतीजा आये बगैर घेरने की कोशिश की जा रही है, वह अच्छी बात नहीं है।
उन्होंने कहा ‘‘कुछ मामलों को लेकर हमारे उनसे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अभी इस बात के सुबूत नहीं मिले हैं कि उनके भाषणों में नफरत का कोई तत्व मौजूद था।’’ पैगाम-ए-इंसानियत कमेटी के महासचिव मौलाना सैयद बिलाल हसनी ने कहा ‘‘अहले हदीस विचारधारा की शिक्षा के कुछ तत्वों को लेकर हमारा रवैया हमेशा से परहेज भरा रहा है।
हालांकि इस विचारधारा के मानने वालों को अपनी शिक्षा का प्रसार करने का पूरा हक है। मगर हमारा मानना है कि अपनी विचारधारा को साबित करने के लिये दूसरी विचारधाराओं को गलत ठहराना सही नहीं है।’’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि समुचित जांच किये बगैर जाकिर नाइक को गलत ठहराने की कोशिश बिल्कुल भी सही नहीं है और सरकार को इस मामले में बेहद सावधानी और एहतियात से काम लेना चाहिये।
हसनी ने कहा कि देश में अनेक ऐसे लोग हैं जो नफरत फैला रहे हैं और हर तरह के भड़काऊ दे रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कानून तो सबके लिये बराबर होना चाहिये।