SC/ST एक्ट जैसा बने कानून, मुसलमानो को पाकिस्तानी कहने वालो को हो सजा: जुनेद क़ाज़ी
न्यूयॉर्क। इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास से प्रभावित हुए जुनेद क़ाज़ी ने भारतीय मुसलमानो पर पाकिस्तान का नाम लेकर उन्हें अपमानित किये जाने पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा है कि अब मुसलमानो को पाकिस्तान का नाम लेकर अपमानित करने का फैशन सा बन गया है।
उन्होंने कहा भारत में पैदा हुए किसी भी मुसलमान को पाकिस्तानी कहना न सिर्फ उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाना है बल्कि उसकी कई पीढ़ियों की देशभक्ति पर सवाल खड़े करने जैसा है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि देश में कुछ लोग पाकिस्तान का प्रचार करने के लिए बार बार लोग मुसलमानो को पाकिस्तानी कहकर अपमानित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान को पाकिस्तानी कहने वालो के खिलाफ अब तक किसी सरकार ने कोई कार्रवाही नहीं की है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि यदि कोई भी नेता या अधिकारी किसी भी मुसलमान को बिना किसी ठोस सबूत और आधार के पाकिस्तानी कैसे कह सकते हैं। क़ाज़ी ने कहा कि एससी – एसटी एक्ट की तरह एक ऐसा कानून भी बनना चाहिए जिसमे यदि कोई किसी मुसलमान के लिए पाकिस्तानी शब्द का इस्तेमाल करे या उसे पाकिस्तान जाने की सलाह दे तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जा सके।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि हमारा संविधान यह हक किसी को नहीं देता कि कोई भी नेता या अन्य कोई किसी भी मुसलमान को पाकिस्तानी या मुसलमानो को पाकिस्तान जाने के लिए कह सके। इसके बावजूद मुसलमानो पर पाकिस्तान का नाम लेकर दबाव बनाने की कोशिशें होती रही हैं लेकिन अब इसका अंत होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि पहले मुसलमानो की तरह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ भी जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करके उन्हें अपमानित किया जाता था लेकिन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम, 1989 अमल में आने के बाद ऐसे मामलो में तेजी से गिरावट आयी है।
जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि अब मुसलमानो के हितो के संरक्षण के लिए भी ऐसे ही एक कानून की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही इस मामले में कानून बनाये जाने के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरू करेंगे।
जुनेद क़ाज़ी ने भारत के मुस्लिम बुद्धजीवियों को इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए आगे आने की अपील है साथ की कहा कि वे मुसलमानो के हितो के संरक्षण के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी तथा सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखेंगे ।
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