मुसलमानो के खिलाफ ट्वीट प्रकाश में आने के बाद अनुप्रिया पटेल ने फर्जी टि्वटर हैंडल की शिकायत दर्ज कराई
नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने नाम वाले कथित फर्जी टि्वटर हैंडल से एक ट्वीट डाले जाने के कुछ घंटे बाद दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस ट्वीट में एक समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बनाया गया है जो बाद में इस साइट पर ट्रोल होने लगा।
मंत्रिपरिषद में फेरबदल में शामिल सबसे युवा मंत्री अनुप्रिया ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा को पत्र लिखकर विशेष रूप से एट द रेट अनुप्रिया अंडरस्कोर पटेल नाम के एक हैंडल से किये गये विवादास्पद टवीट के बारे में जिक्र किया।
विवादास्पद ट्वीट में एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया जिसे बाद में हटा दिया गया। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से पहली बार संसद बनीं 35 वर्षीय अनुप्रिया ने अपनी शिकायत में दिल्ली पुलिस प्रमुख से कहा कि मेरे नाम पर कई फर्जी टि्वटर खाते हैं और मैं आपके संज्ञान में यह बात ला रही हूं कि भविष्य में इनका इस्तेमाल मेरी सामाजिक और राजनीतिक छवि को खराब करने के लिए किया जा सकता है।
शिकायत में लिखा गया है, मेरा आधिकारिक टि्वटर हैंडल एट द रेट अनुप्रियाएसपटेल है। एट द रेट अनुप्रिया अंडरस्कोर पटेल नाम वाले हैंडल से एक अपमानजनक ट्वीट किया गया है। शिकायत के साथ उसकी तस्वीर भेजी गयी है। कृपया मामले की जल्द से जल्द जांच कराएं।
किया था विवादित ट्वीट-सुनी नहीं 100 करोड़ डर जाएं 20 करोड़ मुल्लों से :
अपना दल की नेता अनुप्रिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने अकाउंट से 13 जून 2016 को #UPWillChange हैशटैग के साथ दो सांप्रदायिक ट्वीट किए थे। बताया जा रहा है कि दोनों ट्वीट डिलीट कर दिए गए हैं। अनुप्रिया के मंत्री बनने के बाद सोशल मीडिया पर उनके कथित ट्वीट्स वायरल हो गए हैं। अनुप्रिया ने कथित तौर पर ट्वीट में लिखा था, ”अखलाक पर करोड़ों न्योछावर लेकिन कैराना के हिंदुओं के लिए दो बोल तक नहीं!! वाह रे नमाजवादी सरकार।” उसी दिन अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के जन्मदिन पर ‘हुंकार रैली’ आयोजित की गई थी।
कथित तौर पर अनुप्रिया ने दूसरे ट्वीट में लिखा, ”हमें बर्बाद कर दिए अपने ही गद्दारों ने वर्ना कभी सुनी नहीं थी 100 करोड़ डर जाएं 20 करोड़ मुल्लों से।” दोनों ट्वीट डिलीट कर दिए गए थे मगर मंगलवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद अनुप्रिया के ये कथित ट्वीट Twitter पर शेयर होने लगे।
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने ट्ववीट किया है, ”अनुप्रिया पटेल ने अब भाजपा का सांप्रदायिक कार्ड खेलने वाले ट्वीट डिलीट कर दिए हैं, यह दिखाता है कि उन्हें यूपी चुनाव से पहले मंत्री क्यों बनाया गया है।” वहीं योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ”अगर ये सही हैं तो अनुप्रिया पटेल को भारत के कैबिनेट में रहने का कोई हक नहीं है। नफरत वाले भाषण और क्या होते हैं?”