मुश्किल में आसाराम: शिष्य ने कबूला, AK-47 खरीदने और गवाहों की हत्या के लिए जुटाए थे 25 लाख
अहमदाबाद । अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के सामने दिए बयान में कार्तिक हलदार ने कबूला है कि उसे आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ बलात्कार के मुकदमे के तीन महत्वपूर्ण गवाहों ने हत्या की और चार अन्य को मारने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक, उसने आसाराम के खिलाफ बोलने वाले लोगों को खत्म करने की बात मानी है। इसके लिए देश भर के साधकों से 25 लाख रुपए जुटाए गए थे।
अपने बयान में हलदार ने बताया, “जब मैंने आसाराम के विरोधियों को मारना शुरू किया तो भारत में फैले आसाराम के सेवकों से पैसे जुटाए गए। झारखंड के रहने वाले दामोदर सिंह को एकेे-47 खरीदने के लिए 15 लाख रुपए दिए गए थे। लेकिन दो साल बाद भी उसने एके-47 नहीं दी। हालांकि दामोदर ने अखिल गुप्ता को मारने के लिए इस्तेमाल हुए दोनाली बंदूक और 40 कारतूस मुहैया कराए थे।”
अखिल को पिछले साल मुज़फ्फरनगर में मार दिया गया था। हलदार ने पुलिस को बताया कि गवाहों को मारने के अलावा, असिस्टेंट कमिश्नर आफ पुलिस चंचल मिश्रा को मारने की साजिश भी रची गई थी। चंचल ने जोधपुर में बलात्कार केस की जांच की थी। हलदार ने बताया कि चंचल आसाराम बापू से सख्ती से बात करती थी, इसलिए उन्हें बम से उड़ाने का प्लान बनाया गया था।
हलदार ने कहा कि उसे किसी किशन उर्फ बॉबी ने खबर दी थी कि मुंबई से डायनामाइट लाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल का रहने वाला हलदार, दिल्ली से 2001 में मोतेरा आश्रम आया था। यहां उसने गऊ-मूत्र संग्रह करने के साथ-साथ आसाराम बापू के बैंक अकाउंट में पैसे भी जमा किए। हलदार के बयान से पता चलता है कि आसाराम के खिलाफ बोलने वाले राजू चंडक की 2009 में हत्या करने के बाद वह आसाराम का खास बन गया था। जब आसाराम को 2013 में बलात्कार के मामले में जोधपुर जेल में रखा गया तो हलदार ने दर्जनों समर्पित साधकों के साथ मिलकर गवाहों को एक-एक करके मारने की योजना बनाई।
हलदार को गुजरात के आतंकवाद-निराधी दस्ते ने 14 मार्च को रायपुर से गिरफ़्तार किया गया था। आरोप है कि हलदार ने ही अमृत प्रजापति को जून 2014 में उसके राजकोट स्थित आयुर्वेद क्लिनिक को गोली मारी थी। प्रजापति आसाराम का पुराना साथी और केस का महत्वपूर्ण गवाह था। हलदार ने कथित तौर पर 2001-05 तक आसाराम के निजी सहयोगी रहे महेन्द्र चावला की भी हत्या की।
महेश को पानीपत स्थित उसके घर में मई 2015 में गोली मारी गई थी। हलदार ने दिल्ली में हुई एक बैठक का जिक्र किया है जहां ये तय हुआ कि आसाराम के खिलाफ जाने वाले हर एक श्ाख्स को मार दिया जाए। निशाने पर प्रजापति, शेखर, राजू चंडक, राहुल सचान, महेन्द्र चावला और दिनेश भगचंदानी थे। कई गवाह बाद में इस सूची में जोड़े गए।
हलदार के मुताबिक, “दिल्ली बैठक के दो महीने बाद भी जब कोई गवाह खत्म नहीं हुआ तो मैंने पानीपत में साधक दुष्यंत, संतोष और नारायण पांडेय के सामने कसम खाई कि अगर मैं किसी को एक महीने में नहीं मारता, तो मैं खुद को गोली मार लूंगा।”
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