मुलायम नहीं बनेगे शिवपाल के सारथी, तब भी अपने कदम वापस नही खींचेंगे शिवपाल!
लखनऊ ब्यूरो। समाजवादी पार्टी के बागी नेता शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेकुलर मोर्चे को लेकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की ख़ामोशी शिवपाल खेमे के लिए बेचैनी पैदा करने वाली है।
हालाँकि समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव लगातार ये दावे करते रहे हैं कि सपा संरक्षक और बड़े भाई मुलायम सिंह यादव भी उनके साथ हैं लेकिन इसके पलट मोर्चे की घोषणा होने के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मोर्चे के कार्यालय नहीं गए बल्कि चुपचाप समाजवादी पार्टी के कार्यालय पहुँच गए।
मुलायम सिंह यादव एक बार नहीं बल्कि दो दिन लगातार समाजवादी पार्टी के कार्यालय में मौजूद देखे गए। मुलायम की सपा कार्यालय में मौजूदगी से साफ़ संकेत मिलते हैं कि वे शिवपाल के समाजवादी सेकुलर मोर्चे का हिस्सा नहीं बनना चाहते।
समाजवादी सेकुलर मोर्चे को बने हुए पांच दिन बीत चुके हैं। इन पांच दिनों में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। उन्होंने पूरे मामले में ख़ामोशी अख्तियार कर रखी है। इतना ही नहीं मुलायम मीडिया से भी दूरी बनाये हुए हैं।
अखिलेश से ज़्यादा मेहनती हैं शिवपाल:
शिवपाल सिंह यादव उस समय से राजनीति कर रहे हैं जब अखिलेश यादव बहुत छोटे हुआ करते थे। शिवपाल सिंह यादव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने संकट के समय अपने भाई मुलायम सिंह यादव के लिए बहुत मेहनत की है।
एक समय शिवपाल सिंह यादव साईकिल चलाकर आसपास के गाँवों में घूमा करते थे। उन्होंने यादवो के बीच मुलायम सिंह यादव की पहचान बनाने तथा इटावा और आसपास के जनपद में काफी मेहनत की है।
आज भी माना जाता है कि अपने क्षेत्र के यादव मतदाताओं पर शिवपाल की अच्छी और मजबूत पकड़ हैं। शिवपल सिंह सहकारिता के चुनावो से लेकर लोकसभा के चुनाव तक हर स्तर की राजनीति जानते हैं। इसलिए ऐसा नहीं है कि शिवपाल अपनी नई पार्टी समाजवादी सेकुलर मोर्चे को अकेले दम पर न चला सकें।
फिलहाल देखना है कि आने वाले दिनों में शिवपाल अपनी नई पार्टी को आगे बढ़ाते के लिए क्या कदम उठाते हैं और उनके मोर्चे में कौन कौन शामिल होता है।
गठबंधन को लेकर करेंगे बातचीत:
वहीँ बीबीसी से खास बातचीत में शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सामान विचारधारा वाली सेकुलर पार्टियों से बातचीत करेंगे। हालाँकि एक सवाल के जबाव में शिवपाल ने यह भी कहा कि गठबंधन न होने की दशा में वे भी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। फिर कोई भी उम्मीदवार या गठबंधन उनके सामने क्यों न हो।
बीजेपी के साथ जाने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोप पर शिवपाल ने कहा कि बीजेपी से मेरी कभी बातचीत हुई नहीं है। उन्होंने भी नहीं की और मैंने भी कभी बातचीत नहीं की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों से मैं बात करता रहा हूं, इंतज़ार करता रहा हूं वहां इतना अपमान और इतनी उपेक्षा। अब करें बातचीत, जो लोग ये बात कर रहे हैं।