मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट
नई दिल्ली । मालेगांव में 2008 में हुए धमाकों में आरोपी के रूप में पिछले आठ साल से जेल में बंद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जेल से रिहा हो सकती हैं। नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी(एनआईए) की ओर से शुक्रवार को दायर की जाने वाली चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम आरोपियों में शामिल नहीं करने का फैसला किया है। अगर प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम आरोपियों में शामिल नहीं होगा तो उन्हें वे जल्द ही जेल से बाहर आ सकती हैं।
चार्जशीट में बताया जा सकता है कि महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे की ओर से की जांच के बाद एक अन्य आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ पेश किए गए सबूत मनगढंत थे। साथ ही गवाहों के बयान जबरन लिए गए। बता दें कि करकरे 26/11 मुंबई हमलों में शहीद हुए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए साध्वी प्रज्ञा से मकोका हटाने की अर्जी देगी। साथ ही एनआईए इस मामले में दूसरे तीन आरोपियों को भी क्लीनचिट की तैयारी देने की तैयारी में है जिनमें कर्नल पुरोहित का भी नाम शामिल हो सकता है। बताया जा रहा है कि कर्नल पुरोहित से भी मकोका हटाया जा सकता है।
गौरतलब है कि मालेगांव धमाकों में चार लोगों की मौत हुई थी और 79 लोग घायल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कमजोर सबूत हैं लिहाजा उनका नाम चार्जशीट से हटाया जा सकता है। एनआईए ने इस मामले की जांच तीन साल पहले महाराष्ट्र एटीएस से ली थी। महाराष्ट्र एटीएस ने चार्जशीट भी फाइल कर दी थी। एनआईए ने सभी आरोपियों, गवाहों और सबूतों की दोबारा जांच की और कई लोगों के नए सिरे से बयान भी दर्ज किए गए।