मायावती ने गठबंधन के कयासों को ख़ारिज किया, नहीं करेंगी किसी से गठबंधन

मायावती ने गठबंधन के कयासों को ख़ारिज किया, नहीं करेंगी किसी से गठबंधन

mayawati

नई दिल्ली । बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार  को स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी राज्य के आने वाले विधानसभा चुनाव में किसी अन्य दल के साथ चुनावी गठबंधन या समझौता नहीं करेगी।

मायावती के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड व पंजाब राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में बसपा अपने बलबूते पर पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़कर सत्ता की मास्टर चाबी खुद अपने हाथों में लेने का प्रयास करेगी।’’

उन्होंने कहा कि चुनाव चाहे लोकसभा का हो या राज्यों में विधानसभा का, बसपा के लिये यह मामला पार्टी के सिद्धांत व विचारधारा से जुड़ा हुआ है। बसपा एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ सामाजिक आंदोलन भी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि बसपा अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के मिशनरी लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही चुनाव लड़ती है।

यही कारण है कि जिन राज्यों में पार्टी का संगठन मजबूत नहीं है और जहाँ जनाधार भी ज्यादा नहीं बढ़ा है, वहाँ भी बसपा अपने बलबूते चुनाव लड़कर आत्म-विश्वास पैदा करके आगे बढ़ने का प्रयास करती है। पश्चिम बंगाल, केरल व तमिलनाडु में बसपा बिना किसी पार्टी के साथ समझौता किए अकेले बलबूते पर चुनाव लड़ रही है।

मायावती ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों को कमजोर करने के मुख्य उद्देश्य के तहत ही बसपा ने उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस का समर्थन किया है और यह चर्चा सरासर गलत व निराधार है कि बसपा आने वाले विधानसभा चुनाव में वहाँ कोई चुनावी गठबंधन या समझौता कर सकती है।

उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में तो हमारी पार्टी काफी मजबूत है व जनाधार भी काफी ज्यादा बढ़ा है इसलिये इन राज्यों में तो किसी अन्य पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन या समझौता करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।

मायावती ने कहा कि विरोधी पार्टियां खासकर कांग्रेस व भाजपा की विचारधारा बसपा से बिल्कुल अलग है। ये दोनों ही पार्टियाँ बड़े-बड़े पूँजीपतियों को संरक्षण देती हैं जबकि बसपा सर्वसमाज के गरीबों व यहाँ की जातिवादी व्यवस्था से पीड़ित लोगों की पार्टी है, जिसकी विचारधारा ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ पर आधाारित है।

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