मानसून सत्र के दौरान विपक्ष उठाएगा कश्मीर, किसान, गौरक्षक और जीएसटी का मुद्दा

मानसून सत्र के दौरान विपक्ष उठाएगा कश्मीर, किसान, गौरक्षक और जीएसटी का मुद्दा

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र शुरू हो चूका है। मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के तरकश में तीरो की कमी नहीं है। विपक्ष सरकार को कश्मीर में अशांति, मध्य प्रदेश में किसानो पर पुलिस फायरिंग, गौरक्षको के आतंक के अलावा जीएसटी के मुद्दे पर संसद में घेरेगा।

राष्ट्रपति चुनाव के बाद एकजुट हुआ विपक्ष सरकार को संसद से सड़क तक हर जगह घेरने के लिए तैयार बैठा है। सरकार जिस जीएसटी को बड़ी उपलब्धि बता रही है उस पर सरकार को यह जबाव भी देना होगा कि यूपीए शासन काल में सत्तारूढ़ बीजेपी ने जीएसटी लागू करने का विरोध क्यों किया था।

वहीँ कश्मीर में लगातार अशांति और चीन भारत सम्बन्धो में पैदा हुई खटास भी विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा है। विपक्ष पहले से ही केंद्र सरकार की नीतियों को कश्मीर में अशांति के लिए ज़िम्मेदार बताता रहा है। कश्मीर में हाल ही में हुई घटनाओं के बाद विपक्ष सरकार से कश्मीर के बारे में अपनी नीति का खुलासा करने को कह सकता है।

मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानो पर पुलिस फायरिंग और किसानो द्वारा की जा रही आत्म हत्या का मुद्दा विपक्ष के तरकश का एक अचूक तीर साबित हो सकता है। इस मुद्दे पर संसद में सत्ता और विपक्ष के बीच हंगामा होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

वहीँ भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों पर किये जा रहे हमले और गौ रक्षा के नाम पर अल्पसंखयको को निशाना बनाये जाने का मामला भी संसद का माहौल गरमा सकता है। विपक्ष झारखण्ड में बच्चा चोरी की अफवाह पर तीन मुस्लिमो की हत्या और हरियाणा में ट्रेन में भीड़ द्वारा 16 वर्षीय जुनेद की हत्या का मामला संसद में उठा सकता है।

इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल के 24 परगना उत्तर में हुए सांप्रदायिक दंगो को लेकर भी सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नौकझौंक होने की पूरी सम्भावना दिख रही है। कुल मिलाकर मानसून सत्र के दौरान संसद का तापमान बढ़ने की सम्भावना है।

इस दौरान मॉनसून सत्र में कुल 19 बैठके होंगी 26 दिनों की कार्यावधि में चार प्राईवेट मेंम्बर्स दिवस होंगे। लोक सभा में 21 बिल और राज्य सभा में 42 बिल लम्बित है। कुलमिलाकर संसद का मानसून सत्र गरमा-गरम बहस और सियासी टकराव के नाम रहेगा।

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TeamDigital