मां को कंधा देने से कलयुगी बेटों का इनकार, तो मुस्लिमों ने किया हिंदू महिला का अंतिम संस्कार
जबलपुर । मध्य प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने मां बेटे के रिश्ते को कलंकित कर दिया । जबलपुर में सगे बेटो ने अपनी ही मां की अर्थी उठाने से मना कर दिया । काफी समय बीत जाने के बाद स्थानीय मुसलमानो ने तय किया कि यदि बेटे अंतिम संस्कार नहीं करते तो वे स्वयं ये ज़िम्मेदारी उठाते हुए मृत महिला का अंतिम संस्कार करेंगे ।
भगवती नामक इस मां की गलती सिर्फ इतनी सी थी कि उसने अपने जिंदा रहते ही सारी सम्पत्ति बेटों में बराबर बाँट दी । सम्पत्ति का बंटवारा होने के बाद बेटों ने मां को अपने साथ रखने से इंकार कर दिया जिसके चलते उसे बृन्दावन के मदर टेरेसा आश्रम में शरण लेती पड़ी ।
मदर टेरेसा आश्रम में वर्षो तक अपने बेटो का इंतज़ार करते करते शनिवार को महिला की मौत हो गई जिसके बाद आश्रम के लोगों ने महिला के बेटों से सम्पर्क किया । कलयुगी बेटों ने अपनी ही मां को न सिर्फ पहचानने से इंकार कर दिया बल्कि उससे कोई रिश्ता न होने की बात कही ।
बाद में जबलपुर शहर में चल रहे मुस्लिमो के सामाजिक संगठन गरीब नवाज़ कमिटी से सम्पर्क किया गया । कमिटी के लोगों ने महिला के हिन्दू रस्म रिवाज़ के हिसाब से दाह संस्कार करने की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करते हुए महिला की अर्थी को न सिर्फ कन्धा देकर शमशान तक पहुँचाया बल्कि उसका क्रिया कर्म भी किया ।