महबूबा मुफ्ती बोलीं-कश्मीर पंडितों को वापस लाने को प्रतिबद्ध हूं

महबूबा मुफ्ती बोलीं-कश्मीर पंडितों को वापस लाने को प्रतिबद्ध हूं

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श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (28 मई) को जोर देकर कहा कि उनकी सरकार कश्मीरी पंडितों और अन्य प्रवासियों को घाटी में वापस लाने को प्रतिबद्ध है और जबतक वे अपने पैतृक स्थानों पर जाने में सुरक्षित महसूस ना करें, उनके लिए ‘ट्रांजिट’ आवास की व्यवस्था की जाएगी।

कश्मीरी पंडितों के लिए सरकार द्वारा अलग कॉलोनियां बसाए जाने के विपक्ष और अलगाववादियों के दावों को खारिज करते हुए महबूबा ने विधानसभा में कहा कि 2005 में गठित प्रधानमंत्री के कार्य समूह ने ट्रांजिट आवासों के निर्माण का सुझाव दिया था और वह मुसलमान तथा सिख प्रवासियों के लिए भी होगा।

उन्होंने आश्चर्य जताया कि ऐसी स्थिति में प्रवासियों से अपने पैतृक स्थानों पर लौटने के लिए कैसे कहा जा सकता है जबकि हमारा राजनीतिक कार्यकर्ता, फिर चाहे वे पीडीपी, कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस या किसी भी अन्य पार्टी के हों, सभी सुरक्षा में श्रीनगर के होटलों में रह रहे हैं।

महबूबा ने कहा, ‘हम उनसे अपने घरों को वापस लौट जाने को क्यों नहीं कहते हैं? क्योंकि वे सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। किसी ने सवाल खड़ा नहीं किया कि हमने उनके लिए कालोनियां क्यों बनायी हैं।’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी के लिए मूलभूत सुविधाओं से युक्त ट्रांजिट आवास बनाने को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा, ‘यह सुविधा प्रवासियों के लिए है। क्या हमारे यहां मुसलमान प्रवासी नहीं हैं? क्या जम्मू में प्रवासी नहीं हैं? क्या उनमें सिख और अन्य लोग नहीं हैं? यह हम कह रहे हैं कि वहां 50 प्रतिशत कश्मीरी पंडित और बाकि अन्य लोग होंगे तो, आप इसे इस्राइल जैसी स्थिति बता रहे हैं।’

महबूबा ने कहा, प्रवासी अपने पैतृक स्थानों पर तभी लौट सकते हैं, जब वह सुरक्षित महसूस करें। उन्होंने कहा, ‘उसके बाद वे गांदेरबल, पुलवामा या बारामुला जा सकते हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आशा नहीं की जा सकती है कि 25 साल पहले घाटी छोड़ चुके लोग सीधे अपने घरों को लौट जाएं।

उन्होंने कहा, ‘उनमें से कुछ लोग अपने घरों का रास्ता भूल गए हैं। कुछ लोगों को अपने मकान याद नहीं हैं। यह कैसी मानवता है? हम सभी मानते हैं कि सभी प्रवासी हमारी कश्मीरियत का हिस्सा हैं और उन्हें पूरे सम्मान के साथ लौटना चाहिए।’

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में शून्य को भरने के लिए प्रदेश को कश्मीरी पंडितों के वापसी की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे वापस आने का अनुरोध करती हूं। वे इतने बुद्धिमान हैं। हमारे यहां एम्स बन रहा है। मैं सभी कश्मीरियों… हिन्दू, मुसलमान और सिखों… से जो दूसरे राज्यों में विभिन्न अस्पतालों में काम कर रहे हैं, वापस लौटने की अपील करती हूं।’

कश्मीर के सैनिक कॉलोनी की स्थापना के संबंध में महबूबा ने कहा कि उनकी सरकार ने इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘सैनिक कालोनी की स्थापना के लिए अभी तक जमीन चिन्हित नहीं की गयी है। इसकी स्थापना के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। एक अधिनियम के तहत पंजीकृत सैनिक बोर्ड में सहायक-प्रावधान है, जो कहते हैं कि जमीन सिर्फ प्रदेश के हिस्से में आवंटित की जा सकती है।

आप किसी गैर-प्रादेशिक विषय को इस बीच में लाने की बात भी कैसे कर सकते हैं।’ महबूबा ने कहा कि सरकार की स्थिति यह है कि श्रीनगर, पुलवामा और बड़गाम जिलों में ऐसी कॉलोनी बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है।

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