मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर रोक मामले में सरकार ने दिए ‘यूटर्न’ के संकेत

नई दिल्ली। पशुवध के लिए पशु बाजारों में गोवंश एवं अन्य मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर रोक संबंधी अधिसूचना पर केंद्र सरकार ने यूटर्न लेने का संकेत दिया है। सरकार ने साफ किया है कि यह सरकार की प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है और वह इस मुद्दे पर मिले सुझावों पर विचार करने को तैयार है।

गौरतलब है कि गोवंश एवं अन्य मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर रोक संबंधी अधिसूचना के बाद देशभर में इसका विरोध जो रहा है। इस कानून को लेकर जहाँ विपक्ष और सरकार आमने सामने आ गए हैं वहीँ अधिसूचना का केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भारी विरोध हो रहा है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को इस मामले में लचीला रुख दिखाते हुए कहा कि इस अधिसूचना के पीछे मंशा किसी खास समूह को नुकसान पहुंचाना, लोगों की खाने की आदत को प्रभावित करना या बूचड़खानों के कारोबार को प्रभावित करना नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारे पास जो सुझाव आए हैं उनकी समीक्षा की जाएगी। यह सरकार के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है।’ मंत्री से पूछा गया था कि क्या इन सुझावों की समीक्षा की जा रही है और क्या सरकार इस मुद्दे पर वैकल्पिक विचारों पर भी ध्यान देगी।

सूत्रों के अनुसार पशु बाजारों में गोवंश एवं अन्य मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर रोक संबंधी इस अधिसूचना की भाषा में बदलाव लाने और इसके दायरे से भैंस-भैंसा और ऊंट जैसे पशुओं को बाहर करने पर लगभग सहमति बन गई थी।

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अधिसूचना के कुछ प्रावधानों और भाषा में बदलाव की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। गोवंश (गाय, बैल, बछड़ा) के अलावा अन्य पशुओं को इसके दायरे से बाहर किया जाएगा। इस संबंध में अगले हफ्ते व्यापक विचार-विमर्श के बाद बदलाव की घोषणा की जाएगी।

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TeamDigital