ममता- उद्धव की मुलाकात के पीछे ये हो सकती है बड़ी वजह
मुंबई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच मुंबई में हुई मुलाकात के बाद राजनैतिक मतलब निकालने की कोशिशें की जा रही हैं।
हालाँकि बैठक के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ममता बनर्जी के साथ उनकी यह पहली मुलाक़ात थी लेकिन यह राजनैतिक मुलाकात नहीं थी। वहीँ उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी पर उनकी और ममता बनर्जी की राय एक समान है।
उद्धव ठाकरे ने मुलाकात को लेकर यह भी कहा कि नोट बंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों पर हम दोनों बोलते रहे हैं। यह पहली बैठक थी, देखते हैं चीजें कैसे आकार लेती हैं।’
वहीँ राजनीति के जानकारों की माने तो तो शिवसेना धीमे धीमे अपनी कटटर हिंदुत्व वाली छवि से बाहर आ रही है। यही कारण था कि शिवसेना ने हाल ही में म्युनिसिपल चुनावो में मुसलमानो को टिकिट भी दिए थे।
जानकारों का कहना है कि सम्भवतः ममता और उद्धव के बीच 8 नवंबर को नोट बंदी का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर काला दिवस मनाये जाने को लेकर भी चर्चा हुई होगी। बता दें कि 8 नवंबर को कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष देशभर में काला दिवस मनाने का एलान कर चूका है।
वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना और बीजेपी के रिश्तो में तेजी से गहरी हो रही दरार को देखते हुए शिवसेना बीजेपी के साथ भविष्य में रिश्ते न रखे और वह सेकुलर पार्टियों कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने का मन बना रही हो।
जानकारों के अनुसार कई मौको पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए शासन की तारीफ़ करने वाली शिवसेना अब बदलाव की तरफ बढ़ रही है। सम्भवतः ममता बनर्जी से उद्धव ठाकरे की मुलाकात की एक बड़ी वजह यह भी हो सकती है।