मनमोहन सिंह की पीएम को नसीहत: प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है, आचरण पर संयम बरतें

मनमोहन सिंह की पीएम को नसीहत:  प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है, आचरण पर संयम बरतें

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को नसीहत की है कि प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है, इसलिए पीएम मोदी को गैर बीजेपी शासित राज्यों के दौरे के दौरान संयम बरतना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी की पुस्तक ‘फेबल्स ऑफ फ्रैक्चर्ड टाइम्स’ के विमोचन के मौके पर अपने सम्बोधन में डा मनमोहन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी को अपने आचरण के जरिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए जो प्रधानमंत्री की उनकी नैतिकता के अनुरूप हो।

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को मेरी सलाह है कि उन्हें संयम बरतते हुए प्रधानमंत्री पद की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए।’ प्रधानमंत्री को ऐसे समय में सलाह देना जब सार्वजनिक बहस का स्तर गिरता जा रहा है खासकर चुनाव के दौरान, इस बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर जब भी बीजेपी शासित राज्यों का दौरा किया करते थे, उनके मुख्यमंत्रियों के साथ संबंध ‘बहुत अच्छे’ होते थे।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके इस दावे की पुष्टि करेंगे कि संप्रग शासन के दौरान भाजपा शासित राज्यों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया।

वहीं, इसी मौके पर 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों की 10वीं बरसी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ समझदार तत्व पनपेंगे। उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि कश्मीर में जो हो रहा है वह उन पीड़ाओं का संकेत है जिनका कारण इन दोनों देशों के बीच खराब संबंध हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि लोग देश के लिए नेहरू द्वारा किए गए योगदान को भूल गए हैं।

उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने इस देश के लिए अपनी जान दी। राजीव गांधी और अन्य प्रधानमंत्रियों ने भी देश को बनाने में अपना पूरा समय दिया है। अगर हम आज यहां बैठें हैं, तो उन्हीं की वजह से बैठे हैं।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘लेकिन आज क्या हो रहा है। पीएम ने मेरी मां को गाली दी, मेरे बाप को गाली दी। क्या ये प्रधानमंत्री का स्तर है ? मैंने कभी अपनी बात में अपने माता-पिता का इस्तेमाल नहीं किया। इस देश का प्रधानमंत्री होने के नाते उन्हें बड़ी सोच रखनी चाहिए।

फारूक अब्दुल्ला ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि वाजपेयी जी ने मुझे बताया था कि जब उन्होंने अपना पहला भाषण दिया था, तब नेहरू ने उनके पास जाकर कहा था कि अटल आप एक दिन देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

उन्होंने कहा कि अटल आरएसएस से आते थे, लेकिन उन्हें पता था कि देश एक से नहीं बल्कि सबको जोड़कर बनता है और अतीत में जिन लोगों ने इसे बनाने में योगदान दिया है, उन्हें भुलाया नहीं जा सकता।

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