मध्य प्रदेश: भोपाल सीट पर दिग्विजय की दावेदारी से बैकफुट पर बीजेपी

मध्य प्रदेश: भोपाल सीट पर दिग्विजय की दावेदारी से बैकफुट पर बीजेपी

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर दिग्विजय सिंह का नाम सामने आने के बाद बीजेपी बैकफुट पर आ गयी है। दिग्विजय सिंह का नाम सामने आने से पहले भोपाल सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चाएं थीं लेकिन कल से इन चर्चाओं पर विराम लग गया है।

बीजेपी सूत्रों की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल सीट से अपनी दावेदारी वापस ले ली है लेकिन अभी भी शिवराज को भोपाल सीट से चुनाव लड़ने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के हेवीवेट दिग्विजय सिंह के चुनाव मैदान में आने के बाद भोपाल सीट पर अब तक का सबसे कड़ा मुकाबला हो सकता है। राजनीति में माहिर दिग्विजय सिंह भोपाल सीट को कांग्रेस की झोली में डालने के लिए पूरी जी जान से चुनाव लड़ेंगे वहीँ दिग्विजय सिंह का नाम सामने आने के बाद अब शिवराज सिंह बैकफुट पर आ गए हैं और वे रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं।

सूत्रों ने कहा कि 1984 के बाद से भोपाल लोकसभा सीट पर कब्ज़ा जमाये बैठी बीजेपी दिग्विजय के कद के बराबर का उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही। ऐसे में सम्भव है कि बीजेपी किसी विधायक को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आगे कर सकती है और इनमे बाबूलाल गौड़ की बहू कृष्णा गौर के नाम पर भी चर्चा चल रही है।

सूत्रों ने कहा कि फिलहाल यह साफ़ दिख रहा है कि भोपाल सीट पर कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने के बाद भोपाल सीट जहाँ कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गयी है वहीँ बीजेपी को यह समझ आ गया है कि पिछले लोकसभा चुनावो की तरह इस बार भोपाल सीट पर मुकाबला एकतरफा नहीं होगा।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को ‘सबसे कठिन सीट’ से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय ने कहा था कि वो राजगढ़ से लड़ना चाहेंगे लेकिन साथ ही ये भी जोड़ दिया कि पार्टी जैसा निर्देश देगी वो उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा था कि चुनौतियाँ स्वीकार करना उनकी आदत रही है और वे भोपाल से चुनाव लड़ने को तैयार हैं।

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