भूमि आवंटन मामला: हाईकोर्ट ने पतंजलि को भेजा नोटिस, कोई काम शुरू न करने के निर्देश
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव की पतंजलि को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा नोएडा में कथित तौर पर 400 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने के संदर्भ में पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से आवंटित ज़मींन पर कोई काम न शुरू करने के लिए भी कहा है।
जस्टिस तरुण अग्रवाल एवं जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने गौतम बुद्ध नगर निवासी औसफ एवं अन्य की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को 400 एकड़ भूमि आवंटन करने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। इन याचिकाकर्ताओं ने को चुनौती दी है।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें वनीकरण के लिए यह जमीन 1994 में 30 वर्ष के पट्टे पर आवंटित की गई थी, लेकिन अब यमुना एक्सप्रेसवे ने इसे अवैध रूप से पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को आवंटित कर दिया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पतंजलि संस्थान द्वारा उद्योग या फूड प्लाजा स्थापित करने के लिए 6000 से अधिक पेड़ काट दिए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने विरोधाभासी रुख अपनाया है। जहां यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने अपने हलफनामे में कहा कि न तो उसके अधिकारी पेड़ काटने गए और न ही उस जगह पर कोई पेड़ मौजूद था।
वहीं राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी उस विवादित भूमि पर पेड़ काटने के लिए गए और कम से कम 300 पेड़ गिरा दिए गए हैं।
अदालत ने इससे पूर्व सुनवाई की तिथि पर कहा था, ‘ऐसा लगता है कि मामले में लीपापोती की जा रही है। न तो राज्य सरकार और न ही प्राधिकरण यह जवाब देने को तैयार है कि पेड़ों को गिराने के लिए किस की जेसीबी मशीनों का उपयोग किया गया।