भीमा कोरेगांव हिंसा: जिग्नेश-उमर खालिद पर FIR दर्ज

भीमा कोरेगांव हिंसा: जिग्नेश-उमर खालिद पर FIR दर्ज

पुणे। पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के मामले में गुजरात के दलित नेता और विधायक बने जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

इस मामले में मुंबई समेत महाराष्ट्र के 18 जिलों में कल हुई हिंसा को लेकर फडणवीस सरकार ने केंद्र को रिपोर्ट भेजी है। पूरे मामले में पुलिस ने करीब डेढ़ सौ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अबतक 16 एफआईआर भी दर्ज की हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसा से पहले भीमा कोरेगांव में एक कार्यक्रम हुआ था, जिसमें विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के विवादित छात्र नेता उमर खालिद मौजूद थे। दोनों ने भाषण भी दिए थे, जिसे भड़काऊ मानते हुए एफआईआर दर्ज हुई है। आज दोनों का कार्यक्रम मुंबई में भी रखा हुआ था, लेकिन पुलिस ने विवाद के साए में रहने के कारण इनके कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी।

वहीं, ये मामला आज संसद में भी गूंजा। संसद में कांग्रेस ने हिंसा के पीछे आरएसएस का हाथ बताया तो आरएसएस ने इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया है। वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सदन में कहा है कि ये हंगामा किसी अद्श्य शक्ति के कारण हुआ है। उन्होंने यह भी कहा, ”हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है, महाराष्ट्र सरकरा की भुमिका बहुत संयम रही, स्थिति और बिगड़ सकती थी, लेकिन सरकार ने जो ठीक लगा वह किया।”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरेगांव हिंसा को लेकर बीजेपी आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कोरेगांव हिंसा बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की फासीवादी विचारधारा का प्रतीक है।

उन्होंने ट्विटर पर अपने ट्वीट में लिखा कि “आरएसएस और बीजेपी की फासीवादी विचाराधारा यही चाहती है कि दलित भारतीय समजा की तलहटी में ही रहें। ऊना, रोहित बेमुला और अब भीम-कोरेगांव प्रतिरोध के प्रतीक हैं।”

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने इस घटना के लिए दक्षिणपंथी संगठनों की जिम्मेदार बताया और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कोरेगांव हिंसा को दलितों के ऊपर हमला करार दिया है।

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TeamDigital