भारत जैसे बहु-नस्लीय एवं बहुधर्मी देश में समान नागरिक संहिता लागू करना आसान नहीं

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नई दिल्ली । कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता के मसौदे पर जन सुनवाई और सर्वदलीय बैठक का समर्थन किया है तथा कहा है कि आम सहमति ही इस मुद्दे पर आगे का एकमात्र रास्ता है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत जैसे बहु-नस्लीय एवं बहुधर्मी देश में समान नागरिक संहिता लागू करना आसान नहीं है।

कांग्रेस महासचिव ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘कई नस्लीय जनजातियां, विभिन्न धर्म, जातियां और समुदाय हैं। हिंदुओं के अंदर भी कई तरह की शादियां और अंतिम संस्कार के रिवाज हैं। अतएव यह आसान नहीं है। ’’

सिंह ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने विधि आयोग से इस पर गौर करने को कहा है। अतएव विधि आयोग को जन सुनवाई में सभी समूहों से चर्चा करनी चाहिए, विधि आयोग को साझा मसौदे के साथ सामने आने दीजिए। तब सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलायी जानी चाहिए। समान नागरिक संहिता बस आम सहमति से न कि विभाजन से लायी जा सकती है। ’’

विधि विषयक विभाग ने पिछले महीने विधि आयोग से समान नागरिक संहिता पर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा था, यह भाजपा और संघ परिवार का हमेशा से प्रिय विषय रहा है। यह कदम इस मायने में अहम है कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कहा था कि वह तिहरे तलाक की संवैधानिक वैधता पर किसी फैसले से पहले व्यापक चर्चा पसंद करेगा। कई लोगों का मानना है कि मुसलमान अपनी पत्नियों को मनमाने ढंग से तलाक देने के लिए तिहरे तलाक का दुरूपयोग करते हैं।

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