भाजपा नेताओं द्वारा शराब का समर्थन : ‘भगवान भी पीते थे शराब, फिर इंसानों पर रोक क्यों?’

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जयपुर । राजस्थान में शराबबंदी को लेकर जहां एक और पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा अपनी जान गंवा चुके है वहीं शराब को बंद नहीं किए जाने को लेकर नेता अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। पंचायती राज मंत्री सुरेन्द्र गोयल, उद्योग मंत्री गजेन्द्र खींवसर के बाद लाडपुरा से विधायक भवानी सिंह राजावत ने भी खुल कर मदिरापान का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा कि एक और आबकारी विभाग के जरिए बड़ा राजस्व मिलने की बात कही जाती है वहीं, दूसरी और मदिरापान को आदिकाल और देवताओं से जोड़कर कुतर्क दिया जा रहा है।

विधायक भवानी सिंह राजावत ने शराब को सोमरस बताते हुए कहा कि जब हमारे पूजनीय देवताओं ने मदिरापान किया है तो आम आदमी के पीने पर क्यों रोक लगे? नेताजी ने उज्जैन के काल भैरव और आमेर की शिलामाता का उल्लेख करते हुए शराब सेवन को जायज ठहराया।

विधायक राजावत यहीं नहीं रुके, उन्होंने दुष्परिणाम की बात कहने पर गरीबों की शराब को हानिकारक और अमीरों की शराब को स्वास्थ्यवर्धक बताया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुने हुए जनप्रतिनिधि इस सामाजिक बुराई को जायज ठहरा रहे है।

उन्होंने कहा, ‘शराब कोई आज की बनी हुई चीज नहीं है, समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और राक्षसों ने इसे पीया था। कहते है गुजरात में शराब बैन है लेकिन वहां की गली गली में शराब मिलती है, जहरीली शराब मिलती है।

विधायक ने आगे कहा, ‘राजस्थान में तो एक चमत्कारिक जगह है बवाल माता। वह जिससे खुश होती हैं, उससे शराब का प्याला पीती हैं, जिससे नहीं, उससे एक भी बूंद नहीं लेती। सरकार ने अगर शराबबंदी कहीं लागू की है तो ये लोगों की भावनाओं का दमन करना है।’

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TeamDigital