भागवत के बयान से नाराज़ है सिख समुदाय, संघ पर बैन लगाने की मांग उठी

भागवत के बयान से नाराज़ है सिख समुदाय, संघ पर बैन लगाने की मांग उठी

नई दिल्ली। विजय दशमी पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा देश को हिन्दू राष्ट्र बताने और देश में रहने वाले सभी लोगों को हिन्दू कहे जाने वाले बयान को लेकर बीजेपी और पंजाब में उसकी सहयोगी पार्टी अकाली दल के बीच दूरियां पैदा हो गयी हैं।

मोहन भागवत के हिन्दू राष्ट्र वाले बयान पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सांसद सुखबीर सिंह बादल ने असहमति जताई है। वहीँ सिख राजनेता सिमरनजीत सिंह मान ने भी मोहन भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र कहने का विरोध किया है और इसके खिलाफ संघर्ष की बात कही है।

मोहन भागवत द्वारा देश के सभी नागरिको को हिन्दू बताये जाने और भारत को हिन्दू राष्ट्र कहे जाने पर सिख समुदाय ने कड़ा एतराज जताया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को ख़ारिज करते हुए अकाल तख़्त ने आरएसएस पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की है।

सिख संगठन अकाल तख्त के प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। तख्त प्रमुख ने कहा कि आरएसएस जिस तरह से काम कर रहा है, इससे तो ये साफ है कि वह देश को बांट देगा।

उन्होंने कहा कि “भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। यहां सिख, ईसाई, यहूदी और पारसी भी रहते हैं। बहुत सारी बोलियां बोली जाती हैं। यह भारत की खूबसूरती है। यह कहना कि इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाना है, ये गलत है। यह देश के हित में नहीं है।”

अकालतख्त प्रमुख ने कहा, “आरएसएस जिस तरह से काम कर रहा है, इससे तो ये साफ है कि वह देश को बांट देगा। आरएसएस के नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयान देश के हित में नहीं हैं।”

क्या कहा था मोहन भागवत ने:

विजय दशमी पर नागपुर में आयोजित संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत को एक हिंदू राष्ट्र बताया था। इतना ही नहीं भागवत ने कहा था कि भारत की पहचान हमेशा से एक हिंदू राष्ट्र की रही है। भारत हिंदुस्तान है। एक हिंदू राष्ट्र है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital