बड़े चैनलों के ओपिनियन पोल से अलग गुजरात में 95 और 82 की हवा

बड़े चैनलों के ओपिनियन पोल से अलग गुजरात में 95 और 82 की हवा

नई दिल्ली। देश के दो बड़े चैनलों ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दिखाए गए अपने ओपिनियन पोल में भले ही बीजेपी की बहुमत से सरकार बनवा दी हो लेकिन गुजरात के लोग मीडिया चैनलों के दावे से सहमत नहीं दिखते। ज़मीनी स्तर पर गुजरात में 95 और 82 को लेकर बातें चल रही है।

गुजराती दैनिक सन्देश के अनुसार इस बार साइलेंट वोटर बीजेपी के लिए साइलेंट किलर साबित हो सकता है। समाचार पत्र के अनुसार बीजेपी का साइलेंट वोटर मध्यम और नौकरपेशा वर्ग से आता है लेकिन नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने के बाद से मतदाताओं का यह वर्ग मुश्किलें झेल रहा है।

ट्रांसपोर्ट से लेकर आम उपयोग और खाने पीने की चीज़ो के दाम बढ़ने से बीजेपी का साइलेंट वोटर भी अछूता नहीं रहा। ऐसे में उसका बीजेपी से नाराज़ होना लाजमी है और वह अपना मन बदल सकता है।

समाचार पत्र के अनुसार साइलेंट वोटर का मामूली स्विंग परिणामो में बड़ा बदलाव ला सकता है। वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48.30 फीसदी वोट वहीँ कांग्रेस को 40.59 फीसदी वोट मिले थे। यदि साइलेंट वोटर्स ने 10 प्रतिशत भी बीजेपी से कांग्रेस के पक्ष में स्विंग किया तो इससे परिणामो पर बड़ा असर पड़ेगा।

वहीँ गुजरात में चुनाव के पुराने जानकारों की माने इस समय हवा 95 और 82 की है। जानकारों के अनुसार आज के परिदृश्य में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 95 सीटें वहीँ बीजेपी को 82 सीटें मिलनी चाहिए। वहीँ 5 सीटें अन्य पार्टियों को मिलनी चाहिए।

जानकारों के अनुसार इस बार गुजरात बीजेपी में पिछले चुनावो जैसा जोश नहीं है और न ही हिंदुत्व काम करेगा। इस बार चुनाव जीएसटी, नोटबंदी, विकास का झूठा मॉडल जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। जानकारों की माने तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के गुजरात दौरों के बाद कांग्रेस ने तेजी से चुनाव पर अपनी पकड़ बनाई है।

जानकारों के अनुसार इस बार कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति में बड़ा परिवर्तन किया है। शहरी स्तर पर छात्रों और युवाओं को प्रचार की ज़िम्मेदारी दी गयी है। वहीँ इस बार महिलाएं भी कांग्रेस के प्रचार में चढ़ बढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। इस बार हिंदुत्व या विकास की नहीं बल्कि परिवर्तन की लहर है। आज कांग्रेस को 95 और बीजेपी को 82 सीटें मिलती दिख रही हैं दोनो के बीच 13 सीटों का फासला दिखाई देता है लेकिन जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आएगा, वैसे वैसे ये फासला और भी बढ़ेगा।

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TeamDigital