बड़ी खबर: मोदी सरकार ने मांगी अयोध्या की गैर विवादित ज़मीन
नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण को लेकर मोदी सरकार ने बड़ी पहल की है। केंद्र सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर कर अयोध्या की उस ज़मींन को भारत सरकार को सौंपने की मांग की है जो गैर विवादित है।
केंद्र की तरफ से दायर याचिका में मांग की गयी है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर हिंदू पक्षकारों को जो जमीन दी गई है, उसे रामजन्मभूमि न्यास को सौंप दिया जाए और गैर विवादित जमीन को भारत सरकार को सौंप दिया जाए।
याचिका में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अयोध्या में हिंदू पक्षकारों को जो हिस्सा दिया गया है, वह रामजन्मभूमि न्यास को दे दिया जाए जबकि 2.77 एकड़ भूमि का कुछ हिस्सा भारत सरकार को लौटा दिया जाए।
गौरतलब है कि अयोध्या में विवादित भूमि के मालिकाना हक के मामले की सुनवाई आज सुप्रीमकोर्ट में होनी थी लेकिन यह सुनवाई आज नहीं हो सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले की सुनवाई से जुड़े जस्टिस बोबडे के छुट्टी पर जाने की वजह से आज सुनवाई स्थगित कर दी गयी है।
गौरतलब है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के आसपास की करीब 70 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के पास है। इसमें से 2.77 एकड़ की जमीन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था। जिस भूमि पर विवाद है वह जमीन 0.313 एकड़ ही है।
अब इस मामले में सरकार का कहना है कि इस जमीन को छोड़कर बाकी जमीन भारत सरकार को सौंप दी जाए। मोदी सरकार का कहना है कि जिस जमीन पर विवाद नहीं है उसे वापस सौंपा जाए।
हाईकोर्ट ने किया था ज़मीन का बंटवारा:
30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या विवाद को लेकर फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की विवादित जमीन को 3 हिस्सों में बांट दिया था.जिस जमीन पर राम लला विराजमान हैं उसे हिंदू महासभा, दूसरे हिस्से को निर्मोही अखाड़े और तीसरे हिस्से को सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया गया था।