मक्का मस्जिद ब्लास्ट: सभी आरोपी बरी तो ब्लास्ट का गुनेहगार कौन? पढ़िए, किसने क्या कहा
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नई दिल्ली। 18 मई, 2007 को प्रतिष्ठित चारमीनार के पास स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शक्तिशाली विस्फोट में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया लेकिन इसके बावजूद एक बड़ा सवाल यह है कि यदि सभी आरोपी निर्दोष हैं तो ब्लास्ट के पीछे का असल चेहरा कौन सा था जिस तक हमारी जांच एजेंसियां नही पहुँच सकीं हैं।
मक्का मस्जिद में विस्फोट मामले के पांचों आरोपियों के बरी होने की पृष्ठभूमि में भाजपा ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ वोटों के लिए कांग्रेस पार्टी ने जिस प्रकार से हिन्दू धर्म को बदनाम करने का काम किया था, उसके लिए आज सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए ।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि आज कांग्रेस पार्टी के चेहरे पर से मुखौटा उतर गया है। कांग्रेस पार्टी जिस प्रकार से हिन्दू आंतकवाद के नाम पर हिन्दू धर्म को बदनाम कर तुष्टिकरण की राजनीति करने का काम कर रही थी उसका आज पर्दाफाश हो गया है ।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज आरोप लगाया कि 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले को आतंकवाद निरोधक जांच एजेंसी एनआईए ने सही तरीके से अदालत में नहीं रखा।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा कि मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में अधिकतर गवाह जून 2014 के बाद से मुकर गए और एनआईए ने या तो मामले को ठीक तरीके से अदालत में नहीं रखा जैसा कि उससे उम्मीद की जा रही थी या उसे राजनैतिक आकाओं ने ऐसा नहीं करने दिया।
ओवैसी ने कहा कि ‘‘मामले में न्याय नहीं हुआ है। अगर इस तरह से पक्षपातपूर्ण अभियोजन जारी रहा तो आपराधिक न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े होंगे।’’ ओवैसी ने कहा, ‘‘न्याय नहीं हुआ है। एनआईए और मोदी सरकार ने जमानत के खिलाफ अपील नहीं की जो आरोपियों को 90 दिन के अंदर दे दिए गए। यह पूरी तरह पक्षपातूपर्ण जांच थी जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे संकल्प को कमजोर करेगी।’’
आपको बता दें कि हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में आरोपी असीमानंद सहित पांच अन्य आरोपियों को मामले से बरी करने वाले जज रवींद्र रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया है।
18 मई, 2007 को प्रतिष्ठित चारमीनार के पास स्थित मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शक्तिशाली विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 58 लोग घायल हो गए थे।