बैंको को 800 करोड़ का चूना: रोटोमैक के मालिक हिरासत में
लखनऊ। बैंको के 800 करोड़ रुपये हड़प करने के आरोपी रोटोमैक पेन कम्पनी के मालिक विक्रम कोठरी को कानपुर से हिरासत में ले लिया गया है। वहीँ रविवार रात्रि को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर सोमवार को कई जगह छापेमारी की है।
विक्रम कोठरी पर आरोप है कि उन्होंने 5 सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लिया था। इन बैंको में इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियम-कानून को ताक पर रखकर विक्रम कोठारी को इतना बड़ा लोन दिया।
कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर पिछले कई दिनों ने ताला बंद चल रहा था। विक्रम कोठारी का भी कोई अता-पता नहीं था। वो लापता बताया जा रहे थे ।
सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में कई ठिकानो पर छापेमारी की है। ये छापेमारी बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले में सीबीआई की टीमों ने विक्रम कोठारी की पत्नी और बेटे से पूछताछ भी की है। कानपुर के तिलक नगर में विक्रम कोठारी के घर ‘संतुष्टि’, रोटोमैक ऑफिस और एक और ठिकाने पर सीबीआई की छापेमारी हुई है।
इससे पहले कल मीडिया में विक्रम कोठरी के फरार होने की ख़बरें आने के बाद विक्रम कोठरी ने कहा कि वह देश छोड़कर नहीं गए हैं, वे कानपुर में ही हैं। कोठारी ने कहा कि मैंने बैंकों से लोन लिया है, ये गलत है कि अभी तक चुकता नहीं कर पा रहा हूं. मेरा बैंक का एलसी में केस चल रहा है, उसमें जल्द ही निष्कर्ष निकलेगा।
उन्होंने कहा कि मैं अभी कानपुर से बाहर नहीं निकला हूं, ना ही कहीं जाऊंगा। मेरे भारत जैसा महान देश कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि बिज़नेस डील की वजह से बाहर के देशों में आना जाना होता रहता है।
बता दें कि विक्रम कोठारी ने 2012 में अपनी कंपनी रोटोमैक के नाम पर सबसे पहले इलाहबाद बैंक से 375 करोड़ का लोन लिया था। इसके बाद यूनियन बैंक से 432 करोड़ का लोन लिया। इतना ही नहीं विक्रम कोठारी ने इंडियन ओवरसीज़ बैंक से 1400 करोड़, बैंक ऑफ इण्डिया से लगभग 1300 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 600 करोड़ रुपये का लोन लिया, लेकिन किसी बैंक का लोन चुकता नहीं किया।