बीजेपी को सत्ता से दूर रखने की कवायद तेज, सोनिया ने कांग्रेस नेताओं के साथ की बैठक
नई दिल्ली। देश में कल (रविवार) लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 59 लोकसभा सीटों के मतदान के साथ ही लोकसभा चुनाव का काम संपन्न जायेगा। इस बीच केंद्र में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें तेज कर दी हैं।
वहीँ दूसरी तरफ केंद्र में गैर बीजेपी दलों की सरकार की संभावनाओं को टटोलने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी एक्टिव हो गए हैं। जहाँ चंद्रबाबू नायडू कल चुनाव प्रचार सम्पन्न होने के साथ ही दिल्ली पहुँच गए। वहीँ उन्होंने दिल्ली और लखनऊ में विपक्ष के शीर्ष नेताओं से नई सरकार की संभावनाओं पर बातचीत की।
अपने दिल्ली प्रवास के दौरान नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, लोकतान्त्रिक जनता दल नेता शरद यादव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से बातचीत की। वहीँ लखनऊ पहुंचकर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से मिले। वहीँ नायडू पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पहले ही मिल चुके हैं और अभी भी फोन पर सम्पर्क बनाये हुए हैं।
दूसरी तरफ केंद्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने भी अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। आज यूपीए चेयर पर्सन सोनिया गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से साथ बातचीत कर इस बात के संकेत दिए हैं।
पार्टी सूत्रों की माने तो देश में त्रिशंकु संसद की संभावनाओं के बीच कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर सर्वसम्मत सरकार के गठन के पक्ष में हैं। सूत्रों ने कहा कि यूपीए को सरकार बनाने लायक सीटें न मिलने की स्थति में पार्टी ने अपनी रणनीति बना ली है और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, अहमद पटेल, सुशील कुमार शिंदे, प्रमोद तिवारी, कमलनाथ, पी चिदम्बरम, एके एंटनी आदि को 23 मई को दिल्ली में रहने के लिए कहा गया है।
माना जा रहा कि यूपीए में शामिल अन्य दलों से समर्थन लेने के लिए बनाई गयी रणनीति के तहत यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी कांग्रेस के रणनीतिकारों की अगुवाई करेंगी।
सूत्रों की माने तो आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू के बीच बातचीत अच्छी रही है और टीएमसी, सपा, बसपा को एकजुट करने की ज़िम्मेदारी नायडू स्वयं उठा रहे हैं।
फिलहाल सभी की नज़रें 23 मई पर लगीं हैं। चुनावी नतीजे आने के साथ ही देश में रजनैतिक हलचल तेज हो जाएगी और देश में किसकी सरकार बनेगी, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनावी नतीजे किस के पक्ष में आते हैं।