बीजेपी को झटका : दलित नेता ने 200 लोगों के साथ छोड़ी पार्टी

अहमदाबाद । गुजरात के ऊना में दलितों की पिटाई का मामला अब राजनैतिक रूप से और गहरा होता जा रहा है । गुजरात में बीजेपी को आज उस समय एक बड़ा झटका लगा जब पार्टी के एक दलित कद्दावर नेता ने दलितों पर हुए हमले के विरोध में बीजेपी से छोड़ दी ।
भाजपा के दलित नेता बाबू पांडवाडरा ने अपने 200 समर्थकों के साथ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफे गुजरात के अहमदाबाद में रविवार को दलित महासम्मेलन से ठीक एक दिन पहले आया है।
पांडवाडरा 26 साल से भाजपा में थे। वे गुजरात भाजपा की एससी एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्य थे और पोरबंदर में काफी सक्रिय थे। बताया जा रहा है कि वे साल 2010 में पोरबंदर के सोढाणा गांव में एकि दलित किसान रामा शिनगरखिया के हत्या के मामले पर भाजपा नेताओं के भेदभाव पूर्ण रूख से नाराज थे।
गुजरात भाजपा अध्यक्ष विजय रुपाणी को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार दलित पीडि़तों को न्याय दिलाने में नाकाम रही है। इसमें उन्होंने रामा शिनगरखिया की हत्या के मामले का उल्लेख करते हुए लिखा कि मामले में आरोपी अरभाम करवडारा और 35 अन्य ऊंची जाति मेर से है, इसलिए भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने उसे बचाने का प्रयास किया। मामले की जांच को रोकने की कोशिश की गई।
उन्होंने गिर सोमनाथ जिले के ऊना कस्बे में दलित युवकों की पिटाई का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि भाजपा समाधियाला गांव के दलितों को भी न्याय देने में असफल रही।