बीजेपी को झटका, तमिल फिल्म मर्सेल के खिलाफ याचिका ख़ारिज
चेन्नई: तमिल फिल्म मर्सेल में जीएसटी को लेकर द्रश्यो को हटाने की मांग कर रही भारतीय जनता पार्टी को उस समय बड़ा झटका लगा जब चेन्नई हाईकोर्ट ने फिल्म में जीएसटी से संबद्ध विवादित डॉयलॉग को लेकर फिल्म मर्सल को जारी किए सेंसर प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी.
जनहित याचिका में दलील दी गयी थी कि तमिल फिल्म मर्सेल में जीएसटी को लेकर ऐसे दृश्य एवं संवाद हैं जो देश की सम्प्रभुता और अखंडता एवं राज्य की सुरक्षा के हित के विरुद्ध हैं.
याचिका में यह भी कहा गया कि यह फिल्म पूरी तरह भारत के बारे में गलत दुष्प्रचार और गलत संवाद तथा दृश्यों से भरी है जो नयी कर प्रणाली (माल एवं सेवा कर) के बारे में जाहिर तौर पर गलत धारणा बनाती है।
जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश एवं न्यायमूर्ति एम सुंदर की खंडपीठ ने वकील ए अश्वथामा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र है और लोगों के पास अभिव्यक्ति के अधिकार हैं और यह फिल्मों पर भी लागू होता है.
खंडपीठ ने नेताओं द्वारा दिए गए बयानों का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि राज्य में विपक्ष के किसी नेता ने नोटबंदी की आलोचना की है, तो क्या अदालत ऐसे बयान देने से रोकने के लिये उनके खिलाफ आदेश पारित करे.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने इस फिल्म को लेकर विरोध जताया था. तमिलनाडु बीजेपी ने इस फिल्म से कुछ डायलॉग्स हटाने की मांग की थी. उनका कहना था कि इसमें जीएसटी और डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का मजाक उड़ाया गया है.
इतना ही नही इस फिल्म में अभिनय करने वाले अभिनेता विजय के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज कराया गया है. मदुरै के एक एडवोकेट ने इस मामले की शिकायत में कहा कि विजय के अभिनय वाली की फिल्म मर्सल में उन्होंने जीएसटी को लेकर जो कटाक्ष किये हैं वे धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले हैं और उनसे हिन्दू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं.