बीजेपी को एक और झटका: बहराइच से सांसद सावित्रीबाई फुले ने छोड़ी पार्टी
लखनऊ ब्यूरो। बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है।
उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘आज आहत होते हुए मैं 6 दिसम्बर 2018 से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। आज से मेरा भाजपा से कोई लेना देना नहीं है। दलित सांसद होने के कारण मेरी बातों को मुझे अनसुना किया गया। आज में भाजपा से इस्तीफा दे रही हूं।
उन्होंने कहा, ‘संविधान को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। दलित और पिछड़ा का आरक्षण बड़ी बारीकी से समाप्त किया जा रहा है। जब तक मैं जिंदा रहूंगी घर वापस नही जाऊंगी। संविधान को पूरी तरह से लागू करूंगी।
उन्होंने ऐलान किया कि 23 दिसम्बर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में महारैली करने जा रही हूं। उन्होंने कहा, ‘मैं सांसद हूं। जब तक कार्यकाल है सांसद रहूंगी।’
सावित्रीबाई फुले ने हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ के हनुमानजी को दलित बताने वाले बयान पर बीजेपी पर हमला बोला था।
बीजेपी सांसद ने कहा था कि भगवान हनुमान मनुवादी लोगों के गुलाम थे। फुले ने भगवान राम को मनुवादी बताया और कहा कि अगर हनुमान दलित नहीं थे तो उन्हें इंसान क्यों नहीं बनाया गया? उन्हें बंदर क्यों बनाया गया? उनका मुंह क्यों काला किया गया?
पिछले वर्ष बीजेपी द्वारा उत्तर प्रदेश में चलाये गए दलितों के यहाँ नेताओं के भोजन कार्यक्रम पर भी सावित्रीबाई फुले ने सवाल उठाते हुए इसे झूठ दलित प्रेम बताया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी को ये झूठा दलित प्रेम का दिखावा बंद करना चाहिए।
आरक्षण के सवाल पर भी बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले ने अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि “भाजपा की मजबूरी थी कि उन्हें जिताऊ उम्मीदवार चाहिए था तो मुझे टिकट दिया गया। मैं उनकी गुलाम नहीं हूं। अगर सांसद होकर भी अपने लोगों की बात न कर सकूं तो क्या फायदा?'”
वहीँ बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले द्वारा पार्टी छोड़ने के एलान के बाद शीतकालीन सत्र से पहले संसद में बीजेपी का एक और सांसद कम हो गया है। हाल ही में लद्दाख से बीजेपी सांसद ने भी लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देने का कारण खुद को आध्यत्म से जुड़ना बताया था।