पलायन की जांच के लिए कैराना पहुुंची भाजपा की नौ सदस्‍यों की टीम

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नई दिल्ली । शामली जिले के कैराना कस्बे से हिंदुओं के पलायन को लेकर प्रदेश में सियासत अपने चरम पर है। जहां एक ओर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है वही भाजपा का नौ सदस्यीय जांच दल दावों की जांच के लिए बुधवार को कैराना पहुंचा।

सुरेश खन्ना के नेतृत्व में भाजपा का जांच दल सुबह 10.30 बजे कैराना पहुंचा। डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल, बागपत के सांसद डॉ. सतपाल सिंह, सहारनपुर के सांसद राघव लखन पाल शर्मा, बुलन्दशहर के सांसद डॉ भोला सिंह, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, आंवला के सांसद धर्मेन्द्र कश्यप, यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल इस जांच टीम में शामिल हैं।

 मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर नज़र रखे हुए हैं । कैराना के सांसद हुकुम सिंह ने कैराना से सटे कांधला से पलायन करने वालों की एक सूची जारी की है। इस सूची में 63 परिवारों के नाम हैं। हुकुम सिंह ने कहा कि कांधला की जो लिस्ट उन्होंने जारी की है वह एकदम सही है और वे सभी जान बचाकर भागे हैं।

इस पहले हुकुम सिंह ने कैराना से पलायन करने वाले 346 हिन्दू परिवारों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें से कई गलत साबित हुए थे। बाद में हुकुम सिंह ने अपने कहे से यू टर्न लेते हुए कहा कि यह लिस्ट उनके कार्यकर्ताओं ने तैयार की थी और अगर प्रशासन को इसमें कोई गलती लगती है तो वह अपनी लिस्ट जारी करें और जब तक नई लिस्ट सामने नहीं आ जाती वह अपने 346 लोगों की लिस्ट पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि उनका इरादा हिन्दू शब्द इस्तेमाल करने का नहीं था और पलायन की वजह सांप्रदायिक नहीं आपराधिक है।

सूखाग्र्स्त इलाको और किसानों द्वारा आत्महत्या किये जाने का कारण जानने नहीं गया जांच दल

कैराना मामले में भाजपा और केंद्र सरकार ने जो चुस्ती फुर्ती दिखाई है वह किसानों की आत्म हत्या और सूखाग्रस्त इलाको में किसानों की दुर्दशा के मामले में नहीं दिखाई गई । विदर्भ में किसानों द्वारा की गई आत्म हत्याओं का कारण जानने के लिए केंद्र ने मंत्रियों की टीम नहीं भेजी और न ही सूखे से जूझ रहे किसानो का हाल जानने के लिए केन्द्रीय मंत्रियों का कोई जांच दल किसी गाँव तक गया ।

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