बदल गया उत्तराखंड का गणित, बागी विधायकों को मिली संविधान के साथ पाप करने की सजा

Harish-Rawat

देहरादून । उत्तराखंड में जारी संकट के बीच आज नैनीताल हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति शासन हटा दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में राज्य सरकार को बहाल करने के साथ ही 29 अप्रैल तक हरीश रावत को बहुमत साबित करने को कहा है। सबसे बड़ा सबक कांग्रेस के उन बागी विधायकों को मिला है जो कांग्रेस से बगावत कर भाजपा खेमे में जा मिले थे ।

साथ ही हाईकोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की भी बात कही है। कोर्ट के आदेश के तहत अब कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होनी है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने कहा, उत्तराखंड उच्च न्यायालय का फैसला उत्तराखंड के लोगों की जीत है।

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि बागी विधायकों को संविधान के साथ किए गए पाप की सजा भुगतनी होगी। अब ऐसे में हरीश रावत के लिए बहुमत साबित करना आसान हो गया है। अब सदन में 62 विधानसभा सीटें ही रह गई हैं जिसमें से बहुमत साबित करने के लिए 31 सीटों की ही जरूरत होगी। कांग्रेस के पास फिलहाल 33 सीटें हैं।

गौरतलब है कि राज्यपाल की सिफारिश के बाद 27 मार्च को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। राज्य में राजनीतिक संकट की सुगबुगाहट 18 मार्च से ही शुरु हो गई थी। नैनीताल हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद हरीश रावत समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

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