बदले समीकरण: इस मामले में अब बीजेपी पर भारी पड़ेगी कांग्रेस

बदले समीकरण: इस मामले में अब बीजेपी पर भारी पड़ेगी कांग्रेस

नई दिल्ली। गुजरात में पिछडो और उच्च जाति की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी अपने ही बने जाल में फंस गयी है। एन चुनाव के पहले कांग्रेस ने पिछडो को साधने के लिए जो दांव चला उससे राज्य के समीकरण बदल गए हैं।

जानकारों की माने तो गुजरात में एक दशक से अधिक समय से बीजेपी पिछडो और उच्च जाति के मतदाताओं के कॉम्बिनेशन के सहारे सत्ता में पहुँचती रही है, वहीँ दलित समुदाय के मतदाताओं को वह फिलर्स के रूप में इस्तेमाल करती थी। फिलर्स का चुनावी मतलब जो वोट जीत के लिए अति आवश्यक नहीं लेकिन मिल जाएँ तो जीत का अंतर बढ़ जायेगा।

फ़िलहाल माना जा रहा है कि इस बार बीजेपी के हाथ से बाजी कांग्रेस ने छीन ली है। कांग्रेस ने एन चुनाव से पहले अल्पेश ठाकुर, जिग्नेश मेवानी और हार्दिक पटेल को न्यौता देकर बीजेपी के न सिर्फ पिछड़ा और उच्च जाति के कौंबिनेशन को हिला दिया वहीँ जिग्नेश मेवानी को साथ आने का न्यौता देकर बीजेपी के फिलर्स कहे जाने वाले मतदाताओं में भी सेंध लगा दी है।

गुजरात में करीब 54 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग से आते हैं। ऐसे में पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर उभर कर सामने आये अल्पेश ठाकुर के कांग्रेस में जाने से बीजेपी का बड़ा गणित बिगड़ सकता है। अल्पेश ठाकुर 23 अक्टूबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की सभा में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करेंगे।

अल्पेश ठाकुर ने शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाकात करने के बाद मीडिया से कहा कि 23 अक्टूबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की होने वाली सभा में 5 लाख से अधिक लोग जमा होंगे।

वहीँ ऊना काण्ड में दलितों को नेतृत्व देने वाले जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जिग्नेश मेवानी की गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी से इस मामले में सकारत्मक बात हुई है। यदि जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस का हाथ थामा तो बीजेपी के फिलर्स कहे जाने वाले दलित वोट बैंक में कांग्रेस बड़ी सेंध लगा सकती है।

हार्दिक पटेल ने हालाँकि आज कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने और चुनाव लड़ने से इंकार किया है। लेकिन पाटीदार संगठन के दो नेताओं के बीजेपी में जाने के बाद बहुत कुछ बदल गया है। यदि हार्दिक पटेल कांग्रेस गठबंधन में शामिल न भी हों तब भी वे बीजेपी का विरोध जारी रखेंगे। इतना ही नहीं हार्दिक पटेल बीजेपी के खिलाफ प्रचार करने के अपने कार्य को चुनावो में भी जारी रखेंगे।

वहीँ सबसे बड़ी बात युवाओं को लुभाने की भी है, युवा मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ खींचने के लिए हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकुर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के प्रयासों को बड़ा सहारा दे सकते हैं ।

फ़िलहाल यह कहा जा रहा है कि गुजरात में राजनैतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। भले ही बीजेपी ने दो पाटीदार नेताओं को पार्टी में शामिल कर लिया हो लेकिन अब बाजी कांग्रेस के हाथ में आ चुकी है।

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TeamDigital