फॉलोअप : नजीब की गुमशुदगी का 14वां दिन, नजीब का फोन रूम में रह जाना भी एक रहस्य

नई दिल्ली । जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद का आज 14वे दिन भी कोई सुराग नही मिल सका था । जानकारी के अनुसार पुलिस के सामने सबसे बड़ी मिस्ट्री नजीब के मोबाईल फोन की है जो घटना के दिन नजीब के होस्टल के रूम में ही रह गया था । सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर ही ढूंढ़ने की कोशिश हो रही है क्योंकि उसने अपना मोबाइल हॉस्टल में ही छोड़ दिया था।

नजीब अहमद की तलाश में पुलिस की आठ टीमें लगी हुई हैं लेकिन अभी सफलता नही मिल सकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्‍तर प्रदेश के बदायूं जिले का रहने वाला नजीब जेएनयू के मावी-मांडवी हॉस्‍टल के रूम नंबर 106 में रहता है। जब जेएनयू में हॉस्‍टल यूनियन का चुनाव चल रहा है तब इसी हॉस्‍टल में मेस सचिव पद के लिए खड़ा विक्रांत यादव 14 अक्‍टूबर की रात नजीब के कमरे में प्रचार के लिए आया था। इसी दौरान दोनों में कहासुनी हुई।

वहीँ जेएनयू में राष्‍ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोपी रहे उमर खालिद ने मीडिया को बताया कि 27 वर्षीय नजीब अहमद को विक्रांत यादव द्वारा बुलाकर लाई गई भीड़ ने पीटा। इसके बाद 15 तारीख की सुबह से उसका पता नहीं है। नजीब अहमद के रूममेट मोहम्‍मद कासिम हैं। इस हॉस्‍टल में करीब दो सौ कमरे हैं।

परिजनों की शिकायत पर बसंत कुंज थाना पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया है। लेकिन छात्र संगठन का कहना है कि वीसी को खुद भी एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए, वह इस मामले में बेहद लापरवाह हैं। अपनी जिम्‍मेदारी से भाग रहे हैं इसलिए लेफ्ट संगठनों के छात्रों ने प्रशासनिक भवन के सामने धरना शुरू कर दिया है।

जेएनयू से 14 दिन से लापता छात्र नजीब अहमद की सुरक्षित और जल्द से जल्द वापसी की मांग को लेकर छात्रसंघ के आह्वान पर छात्रों ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर शुक्रवार को जाम लगा दिया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

इस प्रदर्शन में जेएनयू, नजीब की मां फातिमा और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र व शिक्षक भी शामिल हुए। छात्रों ने दिल्ली पुलिस को अपना मांग पत्र भी सौंपा। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित के मुताबिक, दोपहर चार से शाम साढ़े छह बजे तक दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध दर्ज कराया गया।

इस प्रदर्शन में शामिल नजीब की मां फातिमा ने कहा कि दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रबंधन मेरे बेटे को तलाशने की जिम्मेदारी तय करे। क्योंकि दिन बीतने के साथ-साथ बेटे की सुरक्षित वापसी की उम्मीद पर खतरा बढ़ रहा है।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मारपीट के दौरान हॉस्टल के चश्मदीदों को गवाह बनाते हुए आरोपियों के खिलाफ भी मामला दर्ज हो। प्रदर्शन के दौरान आईटीओ के चारों और ट्रैफिक जाम हो गया। धनतेरस के मौके पर लोग शापिंग के लिए निकले थे लेकिन घंटों जाम में फंसे रहे।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital