फेल हो गया मोदी मैजिक, अंतिम दो चरण के चुनाव में भी मझधार में बीजेपी की नैया
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए पांच चरण का चुनाव हो चूका है और अब सिर्फ दो चरणों का चुनाव बाकी है। छटवें और सातवें चरण के चुनाव में सिर्फ 59-59 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। यानि अब कुल 118 सीटों पर चुनाव बाकी है।
छटे चरण में 12 मई को 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। इनमे बिहार की 8, हरियाणा की 10, झारखंड की 4, मध्यप्रदेश की 8, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की 8 और दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होगा।
सातवें चरण में 19 मई को 8 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। इनमे बिहार की 8, झारखंड की 3, मध्यप्रदेश की 8, पंजाब की 13, चंडीगढ़ की 1, पश्चिम बंगाल की 9, हिमाचल की 4 और उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा।
2014 के लोकसभा चुनाव में छटवें और सातवें चरण में उत्तर प्रदेश की कुल 27 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 26 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार स्थति पूरी तरह बदली हुई है। इस बार सपा बसपा गठबंधन के चलते सभी 27 सीटों पर जातिगत आँकड़े बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में बीजेपी को एक एक सीट पर कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।
यही हाल बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पंजाब का भी है। बिहार, झारखंड में महागठबंधन बनने मतों का विखराव रुका है। वहीँ पश्चिम बंगाल में जड़ें जमाने की कोशिश कर रही बीजेपी के लिए ममता का दुर्ग भेदना आसान नहीं है।
इस सब से अलग बीजेपी मध्य प्रदेश की 16 सीटों, हिमाचल प्रदेश की 04 सीटों,, दिल्ली की 07 सीटों और हरियाणा की 10 सीटों पर जोर आजमाइश ज़रूर कर सकती है। जानकारों की माने तो बीजेपी छटवें और सातवें चरण की 118 सीटों में करीब 50 सीटें ऐसी हैं जहाँ से बीजेपी कुछ हासिल कर सकती है।
वहीँ करीब 55 सीटें ऐसी हैं जहाँ बीजेपी और उसके सहयोगियों को विपक्ष से कड़ी टक्कर मिलेगी और सीट जीतना लोहे के चने चबाना जैसा होगा। इसके अलावा 13 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहाँ कांटे की टक्कर है और मामूली अंतर से हारजीत होने की संभावनाओं के कारण चुनावी ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है।
इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी अपनी पूरी ताकत उन राज्यों में झोंकेगी जहाँ उसकी सरकारें हैं। इनमे उत्तर प्रदेश(27), बिहार(16), हरियाणा(10), हिमाचल प्रदेश (04) और झारखंड(07) शामिल हैं। कुल सीटों की तादाद 64 होती है। अब देखना है कि इन 64 सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगी कितनी सीटें जीत पाते हैं।