फिर धरने पर बैठीं प्रियंका, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह और हुड्डा भी वाराणसी रवाना
लखनऊ। सोनभद्र में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव को प्रशासन ने सोनभद्र नहीं जाने दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। लेकिन सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका गांधी चुनार में ही डटीं रहीं और कल रात उन्होंने चुनार में ही बिताई।
इस बीच आज पीड़ित परिजनों में से करीब 15 लोग प्रियंका से मिलने चुनार पहुंचे लेकिन प्रशासन की तरफ से सिर्फ दो लोगों को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मिलने दिया गया। प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिजनों में से सिर्फ दो लोगों से मिलवाने पर नाराज़गी ज़ाहिर की और वे फिर से धरने पर बैठ गयीं हैं।
प्रियंका की मांग है कि उन्हें सोनभद्र नरसंहार पीड़ित सभी परिवारों से मिलने के लिए सोनभद जाने दिया जाए। वहीँ प्रशासन ने प्रियंका गांधी को चुनार में रोक रखा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि जिनसे मिलने के लिए मैं आई थी, अब उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ा फिर भी प्रशासन ने ठीक से नहीं मिलने दिया। प्रियंका ने कहा, आखिर महिला पीड़ित परिजनों से मिलने पर प्रशासन को क्या आपत्ति है।
ट्विटर पर प्रियंका गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया है लेकिन पुलिस उन्हें उनका गुनाह नहीं बता रही। उन्होंने कहा कि उन्हें पचास हज़ार रुपये की ज़मानत देने के लिए कहा गया है लेकिन वे ज़मानत नहीं लेंगी।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि मैंने प्रशासन को कहा है कि अगर सोनभद्र में धारा 144 लागू है तो वो किसी और जगह मुझे मिलवा सकते हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि वो पीड़ित परिवारों से मिर्जापुर या वाराणसी में भी मिल सकती हैं लेकिन वे पीड़ित परिवारों से बिना मिले वापस नहीं जाएंगी।
वहीँ दूसरी तरफ प्रियंका गांधी का साथ देने के लिए कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह और दीपेंद्र हुड्डा भी वाराणसी के लिए रवाना हो गए हैं।
तृणमूल कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए दिल्ली से वाराणसी रवाना हुआ था लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल को भी वाराणसी एयर पोर्ट पर रोक लिया गया है। प्रशासन द्वारा रोके जाने पर तृणमूल कांग्रेस सांसद धरने पर बैठ गए हैं।