फिर किरकिरी: अब त्रिपुरा सीएम की बेरोज़गारो को सलाह, पान की दुकान खोलें, गाय पालें
नई दिल्ली। सीएम बनने के बाद से लगातार एक के बाद एक अजीबोगरीब बयान देने वाले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने अब त्रिपुरा के बेरोजगारो को नई सलाह दी है।
बिपल्ब ने युवाओं, खासकर पढ़े-लिखे युवाओं, को सलाह दी है कि वे सरकारी नौकरियों के लिए नेताओं के पीछे दौड़ने की जगह पान की दुकान खोलें।समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार उन्होंने कहा कि पढ़े-लिखे युवाओं को चाहिए कि वे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बैंक से कर्ज लेकर पशुपालन क्षेत्र के विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करके स्वयं रोजगार का सृजन करें।
बिपल्ब ने कहा कि हर घर में गाय होनी चाहिए। यहां दूध 50 रुपये लीटर है, तो एक गाय पाल लें। कोई ग्रैजुएट है और दस साल से नौकरी के लिए घूमता रहता है। अगर दस साल पहले वह गाय पाल लेता तो अपने आप दस लाख रुपये का बैंक बैलेंस तैयार हो जाता।
बिप्लब देब ने कहा कि युवा कई सालों तक राजनीतिक दलों के पीछे सरकारी नौकरी के लिए पड़े रहते हैं. वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय यहां-वहां दौड़-भाग कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद करते हैं। मगर वही युवा सरकारी नौकरी तलाश करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान लगा लेते तो उनके बैंक खाते में अब तक पांच लाख रुपये जमा होते।
उन्होंने प्रज्ञा भवन में त्रिपुरा वेटेरनरी परिषद द्वारा आयोजित सेमिनार ‘आजीविका, खाद्य सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए सतत विकास में पशु चिकित्सा पेशे की भूमिका पर’ संबोधन के दौरान यह बातें कहीं।
इससे पहले उन्होंने एक और बयान में कहा था कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए। देब कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए। समाज का निर्माण करना है। सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है।’
उन्होंने कहा कि समाज में यह संकीर्ण सोच व्याप्त है कि ग्रैजुएट व्यक्ति खेती नहीं कर सकता, पोल्ट्री नहीं खोल सकता या सूअर पालन नहीं कर सकता क्योंकि ऐसा करने से उसका स्तर कम हो जाएगा।
उऩ्होंने कहा कि मोदी सरकार ने मुद्रा योजना के तहत कई ऐसे स्टार्ट अप प्रोजेक्ट रखे हैं जिन पर बैंक से कर्ज लेकर स्वरोजगार शुरू किया जा सकता है और प्रतिष्ठा से रह सकता है।