पढ़िए : राज्य सभा के लिए कौन चुना गया निर्विरोध
नई दिल्ली । केन्द्रीय उर्जा मंत्री पीयूष गोयल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम शुक्रवार को महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिये गये। विधान भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोपहर तक नामांकन वापस लिया जा सकता था। छह सीटों के लिए छह ही प्रत्याशी थे और किसी ने नाम वापस नहीं लिया इसलिए सभी को ऊपरी सदन के लिए चुन लिया गया।
अन्य निर्वाचित प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल (राकांपा), भाजपा के विनय सहस्रबुुद्धे और विकास महात्मे और शिवसेना के संजय राउत हैं। इन्होंने द्विवार्षिक चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। चिदंबरम ने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था जबकि उनके बेटे कार्ति तमिलनाडु में अपने पैतृक शिवगंगा संसदीय क्षेत्र से मैदान में थे लेकिन वह हार गये थे।
बिहार से 5 लोगों का राज्य सभा में जाने का निर्विरोध चयन हो गया है, जबकि महाराष्ट्र से 6 लोग उच्च सदन में पहुंच गए हैं। बिहार में सत्ताधारी दल आरजेडी से लालू यादव की बेटी मीसा भारती और नामी वकील रामजेठमलानी निर्विरोध राज्यसभा पहुंच गए हैं, वहीं जेडीयू से शरद यादव और रामचंद्र प्रसाद का रास्ता साफ हो गया है। इसी प्रकार भाजपा की ओर से गोपाल नारायण सिंह निर्विरोध उच्च सदन पहुंच गए हैं।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के उम्मीदवार आर वातीलिंगम, ए नवनीतकृष्णन, ए विजयकुमार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एस आर बालासुब्रह्मण्यन तथा द्रमुक के आर एस भारती एवं टी के एस इलानगोवन को निर्वाचित घोषित किया गया। इन्हें इस साल 29 जून को सेवानिवृत्त होने जा रहे उच्च सदन के छह सदस्यों के स्थान पर निर्वाचित घोषित किया गया है। इन चार सांसदों के निर्वाचित होने से राज्यसभा में अन्नाद्रमुक के सदस्यों की संख्या बढ़कर मौजूदा 11 से 12 हो जाएगी, जबकि द्रमुक के सदस्यों की संख्या चार पर बरकरार रहेगी।
आंध्र प्रदेश से तेदेपा के समर्थन वाले भाजपा उम्मीदवार एवं रेल मंत्री सुरेश प्रभु और तेदेपा के उम्मीदवार एवं केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री वाई सत्यनारायण चौधरी एवं टी जी वेंकटेश तथा वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी भी निर्विरोध चुने गए । वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से डमी कैंडिडेट के तौर पर नामांकन-पत्र दाखिल करने वाली वी सुनंदा रेड्डी ने कल अपना पर्चा वापस ले लिया था, जिससे चारों प्रमुख उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया था ।
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सीटों के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि समाप्त होने के बाद अतिरिक्त उम्मीदवार बच जाने से चुनाव होना लगभग तय हो गया है। इसके कारण प्रमुख पार्टियां अपने पक्ष को एकजुट रखने के प्रयासों में जुटी हैं। उप्र में निर्वाचन अधिकारी एवं प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप कुमार दुबे ने बताया कि राज्यसभा के लिए 12 में से किसी उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया।
निर्दलीय उम्मीदवार प्रीति महापात्र ने राज्य की 11 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 12वें उम्मीदवार के रूप में अंतिम क्षणों में अपना नामांकन भरा। इसके कारण मतदान की प्रबल संभावना है। कई भाजपा सदस्यों एवं छोटे दलों के साथ साथ कुछ निर्दलियों ने प्रीति के नामांकन पत्रों के दो सेटों पर हस्ताक्षर किये जिससे क्रास वोटिंग की संभावना बन गयी है।