पढ़िए: क्या कहते हैं अयोध्या के हालात? 2900 शिवसैनिक पहुंचे, छावनी बना अयोध्या
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लखनऊ। अयोध्या में एक बार फिर तनाव की स्थति है। हालात वर्ष 1992 जैसे हैं, सरकार और प्रशासन एक बार फिर 1992 की तरह सबकुछ ठीकठाक होने के दावे कर रहे हैं। इस बीच आज शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 2900 शिवसैनिक आज अयोध्या पहुँच चुके हैं।
दूसरी तरफ विहिप और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित की जा रही धर्मसभा में भाग लेने के लिए देशभर से विहिप, बजरंगदल और अन्य हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि भी अयोध्या पहुँच रहे हैं।
इससे पहले शुक्रवार शाम को अयोध्या स्टेशन पहुँचते ही शिवसैनिकों ने जय भवानी जय शिवाजी के नारे लगाकर माहौल गर्म कर दिया। जानकारी के मुताबिक मुम्बई से शिव सैनिकों को लेकर विशेष ट्रेन शुक्रवार रात करीब 10:07 बजे अयोध्या पहुंची। 22 बोगी की ट्रेन में 2900 शिवसैनिक अयोध्या पहुंचे हैं।
दहशत में अल्पसंख्यक समुदाय :
अयोध्या में अचानक राम मंदिर निर्माण के नाम पर शुरू हुईं गतिविधियों से स्थानीय अल्पसंख्यको में तनाव और दहशत का माहौल है। अयोध्या में बड़ी संख्या में साधु सन्यासियों, विहिप, शिवसेना और हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं के जमावड़े से माहौल गर्म हो चला है।
अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोगों का शक है कि कहीं एक बार फिर 1992 दोहराने की प्लानिंग तो नहीं की जा रही। वहीँ प्रशासन ने अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था चाकचोबंद होने का दावा किया है।
छावनी में बदला अयोध्या:
प्रशासनिक जानकारी के मुताबिक अयोध्या में शांति व्यवस्था कायम रखने के उद्देश्य से प्रशासन ने बड़े कदम उठाये हैं। अयोध्या कस्बे को 7 जोन और 15 सेक्टरों में बांटा गया है। इलाके में पीएमसी की 48 कंपनी, आरएफ की 9 कंपनी, 30 एसपी, 350 उपनिरीक्षक, 175 हेड कॉन्स्टेबल, 1350 कॉन्स्टेबल तैनात किये गए हैं। इतना ही नहीं कसबे की निगरानी के लिए कैमरों से लैस दो ड्रोन तैनात किये गए हैं।
बयानबाज़ी से बढ़ा टेंशन:
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, और शिवसेना नेता संजय राउत के ताजा बयानों के बाद बीजेपी नेताओं की तरफ से आ रहे बयानों से टेंशन बढ़ा है। जहाँ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 2019 के चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण वकालत की है वहीँ पार्टी के सांसद संजय राउत ने यह कह कर और टेंशन बढ़ा की कि शिवसैनिकों ने 17 मिनट में बाबरी मस्जिद ढहा दी थी तो कानून बनाने में कितना समय लगेगा।
वहीँ उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से बीजेपी सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर से संबंधित विधेयक निश्चित रूप से पेश होगा। अगर राज्यसभा में यह पारित नहीं हो पाया तो अध्यादेश के जरिए मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होगा।
वहीँ अयोध्या में आज होने जा रही विहिप और आरएसएस की धर्म सभा को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने एलान किया है कि अयोध्या में हो रही यह धर्मसभा मंदिर निर्माण के लिए अंतिम सभा है। अब मंदिर निर्माण के लिए सभाएं, प्रदर्शन और धरना के जरिये संदेश नहीं दिए जाएंगे। विरोधियों को समझाया नहीं जाएगा बल्कि सीधे मंदिर का निर्माण का काम होगा।
फिलहाल सभी की नज़रें कल अयोध्या में होने वाले विहिप आरएसएस के धर्मसभा और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम पर लगी हुई हैं। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात की गयी है।