प्रेस कॉन्फ्रेंस : इस्लाम में आतंक की कोई जगह नहीं, इस्लाम शांति का मज़हब : ज़ाकिर नाईक
मुंबई। विवादों में घिरे इस्लामी उपदेशक डॉ. जाकिर नाईक ने शुक्रवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुंबई में पत्रकारों को संबोधित किया। अपने संबोधन में जाकिर नाईक ने आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा कि इस्लाम में किसी तरह के आतंकवाद की कोई जगह नहीं है ।
जाकिर नाइक ने कहा कि इस्लाम में किसी भी बेकसुर को मारना हराम बताया है लेकिन आत्मघाति हमला देशहित में हो तो यह जायज है। इस दौरान नाईक ने मीडिया पर भी आरोप लगाए और कहा कि वो मेरा ट्रायल कर रहा है और एडिटेड वीडिया दिखा रहा है।
नाईक ने आगे कहा कि मैं दुनिया में होने वाले किसी भी आतंकी हमले की निंदा करता हूं और इस पर घंटो बोल सकता हूं। इस्लाम में आत्मघाति हमले को हराम माना गया है लेकिन अगर यह देश के हित में हो तो वो जायज है। यह आत्मघाति हमला युद्ध में हो तो भी जायज है।
ढाका हमले के आरोपी द्वारा नाईक से प्रेरित होने को लेकर जाकिर पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया जबकि यह बात सामने आई थी आतंकी जाकिर नाईक के भाषणों से प्रेरित था।
इस बीच एक चैनल के पत्रकार द्वारा भारत में मुसलमानों की संख्या को लेकर किए गए सवाल पर महौल गर्मा गया और जाकिर ने पत्रकार से दुव्यवहार करते हुए कहा कि अगर आपको तमीज नहीं है तो आपको यहां नहीं होना चाहिए।
पीस टीवी पर प्रतिबंध को लेकर जाकिर ने तल्ख होते हुए कि उनका चैनल सैटेलाइट चैनल है फिर प्रतिबंध कैसा। बैन तभी लग सकता है जब चैनल की अनुमति ली गई हो, भारत ने अनुमति ही नहीं दी तो प्रतिबंध कैसा।जाकिर ने सरकार पर आरोप लगाया कि उनके चैनल को अनुमति इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वो एक मुस्लिमों का चैनल था। जाकिर नाईक ने पुलिस की जांच को लेकर कहा कि मुझे अब तक किसी मामले में नहीं बुलाया गया है।
इस बीच, डॉ. नाईक के वकील मुबीन सोलकर ने जानकारी दी है कि इस्लामी उपदेशक की लंबे समय तक भारत लौटने की योजना नहीं है। सोलकर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि डॉ. नाईक को अगले साल भारत लौटना था। वह खुद पर लगे आरोपों पर अपनी सफाई देने के लिए 11 जुलाई को भारत आना चाहते थे।
लेकिन, अब केंद्र और राज्य सरकार की नौ-नौ एजेंसियां उनके खिलाफ जांच में जुट गई हैं, तो उन्हें अपनी योजना में बदलाव करके वापस लौटने की कोई तुक नहीं है। अब एजेसियों को जांच पूरी करने दीजिए। मुबीन ने कहा कि डॉ. नाईक के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।
राज्य की एसआईडी ने भी उन्हें क्लीन चिट दे दी है। उन्हें गलत आरोप लगाकर निशाना बनाया जा रहा है। डॉ. नाईक के भाषणों का प्रसारण करने वाले पीस टीवी पर प्रतिबंध की बाबत मुबीन ने कहा कि पीस टीवी की अपलिंकिंग दुबई से होती है, इसलिए पीस टीवी को भारत में लाइसेंस की जरूरत नहीं है।
मुस्लिम समुदाय भी डॉ. नाईक को लेकर दो भागों में बंटा दिख रहा है। मुंबई स्थित रजा अकादमी सहित शिया मुस्लिमों के कुछ संगठन नाइक के विरोध में दिखाई दे रहे हैं, तो मुस्लिम लीग और एमआईएम सहित करीब आधा दर्जन संगठन खुलकर उनके समर्थन में आ चुके हैं।