प्रियंका के राजनीति में आने के बाद क्या बदल रही सपा-बसपा की सोच, सीटों का बंटवारा रुका !
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन के बीच अचानक कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी के तौर पर चले गए ट्रंप कार्ड के बाद समाजवादी पार्टी और बसपा के बीच सीटों के बंटवारे का काम फ़िलहाल रोक दिया गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 22 सीटों का बंटवारा कर लिया गया था। इन 22 सीटों में बसपा को 11 और समाजवादी पार्टी को 8 सीटें दिए जाने की खबर है। वहीँ शेष रही 03 सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी गयी हैं।
वहीँ कांग्रेस द्वारा प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभार की कमान दिए जाने के बाद सपा-बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की 26 लोकसभा सीटों के बंटवारे का काम रोक दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कभी कांग्रेस को हलके में ले रही सपा-बसपा को अब कांग्रेस से खतरा नज़र आने लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका के राजनीति में आने और उन्हें पूर्वांचल का प्रभार दिए जाने के बाद राज्य में तेजी से समीकरण बदल रहे हैं। इसका अंदाजा सपा, बसपा को हो चूका है।
वहीँ सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल चाहते हैं कि प्रियंका के राजनीति में आने के बाद गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने पर फिर से विचार होना चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस को लेकर समाजवादी पार्टी के अधिकांश नेताओं की राय प्रियंका गांधी के राजनीति में आने के बाद बदल चुकी है और अब पार्टी के अंदर इस बात की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि गठबंधन में कांग्रेस को भी स्थान दिया जाना चाहिए जिससे पूर्वांचल में सपा-बसपा के वोट बैंक में सेंध लगने से बचाया जा सके।
आधिकारिक तौर पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल किये जाने को लेकर कुछ नहीं कहा है। हालाँकि प्रियका गांधी के राजनीति में आने को लेकर शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राजनीति में जवान लोगों को ज्यादा मौके दिए जाने की जरूरत है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी इस फैसले से खुश है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मौका दिया है। अखिलेश ने इसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक सही फैसला बताते हुए उन्हें मुबारकबाद दी।
वहीँ सूत्रों की माने तो 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जब सपा और कांग्रेस का गठबंधन था तो उस समय सीटों के बंटवारे को लेकर फंसे पेंच को निकालने में प्रियंका गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उस समय सीटों के बंटवारे को लेकर देर रात तक कांग्रेस और सपा के नेताओं के बीच बातचीत चलने के बाद भी हल नहीं निकल सका था और अंत में प्रियंका गांधी ने अखिलेश यादव से बात करके मामला सुलझाया था।
सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भले ही सपा बसपा गठबंधन का एलान हो चुका है लेकिन प्रियंका के राजनीति में आने के बाद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सपा बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने पर फिर से विचार किया जा सकता है।
आधिकारिक तौर पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है लेकिन इसके बावजूद कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी के सक्रीय राजनीति में भाग लेने के एलान के बाद कांग्रेस को लेकर सपा-बसपा की सोच में परिवर्तन आया है।