प्राइम टाइम :115 मुस्लिम परिवारों द्वारा कैराना छोड़े जाने पर क्यों खामोश है बीजेपी
ब्यूरो (राजा ज़ैद खान) । भारतीय जनता पार्टी कुछ हिन्दू परिवारों द्वारा कैराना से पलायन करने को हवा दे रही है जबकि पुलिस रिपोर्ट बताती है कि कैराना से 115 मुस्लिम परिवारों ने भी पलायन किया है । मामले की जांच के लिए कैराना गई भाजपा टीम अपनी रिपोर्ट में कैराना से हिन्दू परिवारों के पलायन के कोई भी कारण बताये लेकिन हकीकत यही है कि कैराना छोड़ने वाले जिन हिन्दू मुस्लिम परिवारों के अपने निजी कारण थे जिसके चलते उन्होंने पलायन किया । इस मामले में रत्ती भर भी सांप्रदायिक कारण नहीं झलकते ।
फिलहाल स्थानीय प्रशासन ने जो अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है उसमे यह बताया गया कि 115 मुस्लिम परिवारों ने भी कैराना छोड़ा है। इसमें 57 परिवार ऐसे हैं, जो एक से पांच साल में यहां से गए। जबकि पांच से 10 साल में 58 परिवार कैराना से दूसरे शहरों में रहने चले गए थे। इनके कैराना छोड़ने के पीछे कानून व्यवस्था कत्तई भी मुद्दा नहीं था।
रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि जिन लोगों कैराना छोड़ा है उन्होंने अपने व्यापार और नौकरी के अलावा बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए यह सब किया है। सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट में भाजपा सांसद की घेराबंदी की गई है।
समें हिंदुओं में दहशत फैलाकर ध्रुवीकरण की आशंका जाहिर की गई है। रिपोर्ट के अनुसार शामली के मोहल्ला आलकलां, कायस्थवाड़ा, गुंबद, लालकुआं, बेगमपुरा, दरबार खुर्द, कांधला अड्डा में मिश्रित आबादी है।
पलायन का मुद्दा उठाकर हिंदुओं में असुरक्षा की भावना को मुद्दा बनाने की आशंका जाहिर की गई। इसमें जनगणना 2011 के आंकड़ों का भी हवाला दिया गया है। हालांकि डीआईजी एके राघव से जब इस मामले में बात की तो उन्होंने किसी भी जानकारी से साफ इनकार कर दिया।
पूरे मामले में बीजेपी का जो रुख है उसके पीछे एक बड़ी सच्चाई यह भी है कि सन 2002 से सन 2012 तक कैराना विधानसभा सीट बीजेपी के पास थी और इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी के तौर पर हुकुम सिंह लगातार 4 बार विधायक बने लेकिन सन 2014 में हुए उपचुनाव में यह सीट समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन ने जीतकर भाजपा के विजय रथ पर ब्रेक लगा दिए ।
राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि कई वर्षो तक भाजपा के हाथ में रही कैराना विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी सांसद हुकुम सिंह अपनी बेटी को टिकिट दिलवाना चाहते हैं । इस विधानसभा क्षेत्र में धीमे धीमे भाजपा का प्रभाव कम होते देख बीजेपी सांसद हुकुम सिंह को ये अहसास हो चूका है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर उनकी बेटी का चुनाव जीत पाना आसान नहीं है । ज़ाहिर है इसलिए बीजेपी के लिए यहाँ हिन्दुत्व ही एकमात्र सहारा बचा है ।
ऐसे में दावे से ये कहा जा सकता है कि भाजपा इस मामले को राजनैतिक रंग देना चाहती है जिससे इस विधानसभा क्षेत्र में कट्टर हिन्दुत्व वाले चेहरे को एक बार फिर से ज़िंदा किया जा सके । सम्भावना है कि इलाके में सांप्रदायिक रंग भरने की कोशिश में भाजपा अपनी दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओं को कैराना भेजकर माहौल गर्म करने की कोशिश भी करेगी ।
इस तीसरी पंक्ति में भाजपा के विधायक संगीत सोम , सासंद योगी आदित्यनाथ नाथ, विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया और साध्वी प्राची जैसे चेहरे शामिल हैं । जो अपने भाषणों में एक धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ आग उगलकर माहौल को गर्म करने में माहिर माने जाते हैं ।
यहाँ सबसे अहम भूमिका प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन की है । जिसे तय करना होगा कि कैराना और आसपास के क्षेत्रो में हर हाल में कानून और शांति व्यवस्था बनाये रखनी है ।