पुलिस का दावा : एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या के पीछे मुखबिरी और पुरानी रंजिश

पुलिस का दावा : एनआईए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या के पीछे मुखबिरी और पुरानी रंजिश

तंजील हत्याकांड में पुलिस ने मंगलवार को एक बार फिर वारदात का पर्दाफाश करने का दावा करते हुए कहा कि एनआईए अधिकारी की हत्या मुखबिरी के शक में हुई।

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लखनऊ । तंजील हत्याकांड में पुलिस ने मंगलवार को एक बार फिर वारदात का पर्दाफाश करने का दावा करते हुए कहा कि एनआईए अधिकारी की हत्या मुखबिरी के शक में हुई। आईजी बरेली रेंज विजय कुमार मीणा ने प्रेस कान्फ्रेंस में वारदात की कड़ियों को सिलसिलेवार जोड़ते हुए बताया कि हत्या को अलीगढ़ में 91 लाख की लूट के आरोपी मुनीर ने अपने साथी रैयान के साथ मिलकर अंजाम दिया।

हालांकि पुलिस का यह खुलासा उस पुरानी थ्योरी पर ही है जो कुछ दिन पहले उसने पहले खुलासे में बयां की थी। तब भी पुलिस ने हत्या के पीछे मुखबिरी और पुरानी रंजिश का दावा किया था, आज भी पुलिस उसी लाइन पर चलती दिखी।

आईजी मीणा ने बताया कि घटना की प्लानिंग लंबे समय से की जा रही थी। वारदात के दिन हत्यारोपी रैयान अपने पिता के साथ उसी शादी में मौजूद रहा था जिसमें एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद दिल्‍ली से अपने परिवार के साथ शामिल होने आए थे।

वारदात को तंजील अहमद के रिश्तेदार रैयान ने अपने दोस्त और 91 लाख की लूट के आरोपी मुनीर के साथ मिलकर अंजाम दिया। रैयान अपने पिता के साथ शादी में शामिल होने के लिए सहसपुर पहुंचा था। रात दस बजे वह बाइक से पिता के साथ वापिस आया और उन्हें घर छोड़कर दोस्त जैनी के साथ निकल लिया।

दोनों दोस्त मुनीर के पास पहुंचे और बातचीत की। मुनीर ने एक पिस्टल निकालकर रैयान को दी और उसे एक काली शर्ट पहनने को दी। इसके बाद रैयान ने अपनी बाइक जैनी को दी और वापस लौटने के लिए कहा।

इसके बाद मुनीर और रैयान वापस विवाह स्‍थल बंधन गेस्ट हाउस पहुंचे और बाहर बनी दुकानों पर रुककर तंजील अहमद के बाहर निकलने का इंतजार करने लगे। पहली गाड़ी में तंजील अहमद के परिवार के लोग निकले जिसे उन्होंने जाने दिया।

इसके बाद दूसरी गाड़ी में तंजील अपने परिवार के साथ निकले तो दोनों ने बाइक से उनका पीछा करना शुरू कर दिया। कुछ दूर चलने पर एक पुलिया आते ही दोनों ने बाइक से ओवरटेक कर गाड़ी को रोक लिया।

मुनीर ने आगे की सीट पर बैठे तंजील अहमद को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी और वापस बाइक पर बैठकर वहां से निकल लिए। वारदात को अंजाम देकर मुनीर और रैयान अपने अपने घर चले गए।

आईजी के अनुसार वारदात को अंजाम देने के पीछे कातिलों को अंदेशा था कि डिप्टी एसपी तंजील अहमद उनकी मुखबिरी कर सकते हैं। पुलिस के अनुसार मुनीर कुछ दिन पहले अलीगढ़ में हुई 91 लाख की लूट के मामले में आरोपी था। इसमें उसके साथ रैयान और अन्य आरोपियों के नाम भी शामिल थे।

यही कारण है कि उसने वारदात के दौरान तंजील को गोली मारते हुए कहा था‌ कि ‘और कर मुखबिरी’। पुलिस के अनुसार हत्या के पीछे रैयान की तंजील से पुरानी रंजिश भी सामने आई है।

रैयान तंजील का रिश्तेदार था और एक पुराने मामले में उसने उनसे मदद मांगी थी। लेकिन तंजील ने उसकी मदद से इनकार कर दिया, जिसके बाद से ही वह उनसे खुन्नस खाने लगा।

इसके अलावा कुछ दिन पहले दिल्ली में एक दुकान खरीदने के मामले में भी रैयान तंजील से रंजिश रखता था, उसे लगता था कि इसमें उन्हें ज्यादा फायदा हुआ है। डेढ़-दो साल पहले तंजील अपने भाई के साथ गांव आए थे तो रैयान उन्हें टेढ़ी नजर से घूरकर देख रहा था, इसका जिक्र तंजील ने भाई से भी किया था।

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