पुरातत्व विभाग ने ताजमहल में शिव मंदिर की बात को किया ख़ारिज
नई दिल्ली। कुछ हिन्दू संगठनों के नेताओं द्वारा ताज महल को शिव मंदिर बताने वाले दावे को पुरातत्व विभाग ने ख़ारिज कर दिया है। ताज महल को शिव मंदिर ‘तेजो महल’ बताते हुए आगरा की एक स्थानीय अदालत में याचिका दाखिल की गयी थी।
इस याचिका पर अपने जबाव में भारत सरकार और भारतीय पुरातत्व विभाग ने अदालत को भेजे गए अपने जवाब में कहा है कि ताजमहल शिव मंदिर नहीं है बल्कि शाहजहां द्वारा मुमताज महल की याद में बनवाया गया मकबरा ही है। जवाब में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया गया। कहा गया कि ताजमहल के संबंध में कोई सुनवाई स्थानीय कोर्ट में नहीं की जा सकती है।
बता दें कि लखनऊ निवासी हरिशंकर जैन ने अपने पांच साथियों के साथ मिलकर कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें दावा किया गया था कि ताजमहल एक शिव मंदिर है, जिसका नाम तेजोमहालय है। इस याचिका में केंद्र सरकार और केंद्रीय पुरातत्व विभाग को पक्षकार बनाया गया है।
मामले में हरिशंकर जैन के वकील राजेश कुलश्रेष्ठ ने दाखिल जवाब पर आपत्ति जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार और पुरातत्व विभाग द्वारा जारी जवाब को अपूर्ण बताया है। पीठासीन न्यायधीश अभिषेक सिन्हा ने अगली सुनवाई के लिए 11 सितंबर की तारीख तय की है।
इससे पहले कई हिन्दू संगठनों के नेता ताज महल में शिव मंदिर होने का दावा करते रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों हिन्दू संगठनों से जुड़े कुछ लोगों को ताजमहल के अंदर हनुमान चालीसा पढ़ने का कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में हिरासत में भी लिया गया था।