पीएम से मुस्लिम नेताओ ने कही थी ये बात, सरकार ने प्रेस रिलीज में छिपाई

नई दिल्ली। बीते 9 मई को मुस्लिमो के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, इस प्रतिनिधिमंडल में 25 मुस्लिम नेता शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से लव जिहाद और गौरक्षा के नाम पर मुस्लिमो को निशाना बनाये जाने पर साफ़ साफ़ बात की थी लेकिन सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में इसका कोई ज़िक्र नहीं किया गया।

इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों ने कहा कि हमने पीएम मोदी के सामने देश में गौ रक्षा और लव जिहाद के नाम पर मुसलमानो को निशाना बनाये जाने की बात मजबूती से राखी थी। इतना ही नहीं प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद पैदा हुए माहौल का भी ज़िक्र किया था।

अंजुमन-ए-इस्लाम के अध्यक्ष ज़ाहिर क़ाज़ी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि बहुत सी बातो का सरकार की प्रेस रिलीज में ज़िक्र ही नहीं है जबकि ये बातें जमीयत उलेमा ए हिन्द की प्रेस रिलीज में हैं।

काजी के अनुसार पीएम मोदी ने उनसे कहा, “ये मेरी जिम्मेदारी है कि कोई भी उत्पीड़ित न महसूस करे।” लेकिन प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की तरफ से जारी बयान में इसका कोई जिक्र नहीं था। पीआईबी की तरफ से जारी किए गए ब्योरे में कहा गया कि प्रतिनिधि मंडल ने तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की। काजी के अनुसार लोगों ने अलग-अलग ढंग से अपनी बात रखी, लेकिन मुद्दा यही था कि समुदाय को लगातार टारगेट बनाया जा रहा है।

प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के अनुसार पीएम ने उनसे कहा कि चाहे वो जिस भी पृष्ठभूमि से आते हों अब वो भारत के 125 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री हैं और जाति और समुदाय से ऊपर वो सभी के कल्याण के प्रतिबद्ध हैं।

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TeamDigital